Farmers Protest: बस में खास कंट्रोल रूम… इमरजेंसी मीटिंग की व्यवस्था, दिल्ली की सीमा पर तैयार हो रहा अभेद सुरक्षा घेरा
नई दिल्ली। किसानों के दिल्ली कूच करने के एलान के मद्देनजर सीमाओं पर सुरक्षा घेरा और मजबूत किया जा रहा है। पहले से ही दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर अभेद सुरक्षा घेरा बना रखा था, लेकिन शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा किए जा रहे उपद्रव व हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मंगलवार रात को दिल्ली की सभी सीमाओं पर और अधिक चौकसी बढ़ा दी।
और मजूबत किया जाएगा सुरक्षा घेरा
पहले से ही हर सीमा पर जरूरत के हिसाब से अलग-अलग तरीके के बैरियर लगाए गए थे। शंभू बॉर्डर के हालात को देखते हुए सुरक्षा घेरा और मजबूत बनाने के लिए पुलिस अधिकारी ने कई नए निर्णय लिए। सिंघु, टीकरी व गाजीपुर जैसे बड़े बॉर्डर पर पहले से ही दो जर्सी बैरियर के बीच पुलिस ने सीमेंट व कंक्रीट के घोल डलवा दिया था। मंगलवार रात को पुलिस ने दो जर्सी बैरियर के बीच और अधिक सीमेंट व कंक्रीट के घोल डलवा दिया, ताकि उसे पार कर पाना बहुत ही नामुमकिन हो सके।
दो बसों में खास कंट्रोल रूम
इतना ही नहीं बैरियरों के ऊपर माडिफाइ कंटीले तार भी लगवा दिए गए, जिसे पार कर पाना प्रदर्शनकारियों के लिए मुश्किल होगा। सभी सीमाओं पर बैरिकेड की संख्या भी बढ़ा दी गई और साथ ही सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी पहले से अधिक बढ़ा दी गई। सभी सीमाओं पर पहले ही काफी सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए थे। अब सभी जगहों पर कैमरे की संख्या भी बढा दी गई है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने दो बसों में दो मोबाइल कंट्रोल रूम बनाए हैं, जिसे अलग-अलग जगहों पर खड़ी की गई है।
बसें कहां- कहां खड़ी की गई है, इसे पुलिस ने गोपनीय रखा है। ऐसा इसलिए किया गया है कि अगर दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को कोई हैक कर ले, तब उनका संचार सेवा ध्वस्त न हो पाए। विशेष परिस्थितियों में पुलिस उक्त मोबाइल कंट्रोल रूम से बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर अपनी संचार सेवा को चालू रख सके। दिल्ली पुलिस के पास पहले इस तरह की एक बस थी। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली पुलिस ने दो और बसें खरीदी थी।
इमरजेंसी मीटिंग की व्यवस्था
इस बस की खासियत यह है कि आपात स्थिति में करीब 40 से अधिक अधिकारी एक साथ बैठकर मीटिंग भी कर सकते हैं। किसी बड़े मसले पर उसमें बैठकर गोपनीय तरीके से रणनीति भी तय कर सकते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि किसान अगर दिल्ली की सीमा तक आकर दिल्ली में जबरन घुसने की कोशिश करेंगे, तब उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा। उन्हें रखने के लिए दिल्ली के अलग-अलग इलाके में तीन होल्डिंग सेंटरों का भी प्रबंध कर लिया गया है।
इसके बारे में भी पुलिस गोपनीय रख रही है। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश से सटे उत्तर-पूर्वी जिले के इलाके में छह ऐसे सीमा हैं, जहां से किसान दिल्ली के अंदर घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की सूचना मिलते ही उक्त सीमाओं पर और मजबूत बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी गई। मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कुछ अर्धसैनिक बलों से बड़े ड्रोन भी लिए हैं, जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सके।
दिल्ली की सीमा पर भी खास तैयारी
शंभू बॉर्डर पर उपद्रवियों पर ड्रोन के जरिये ही काफी हद तक काबू किया गया। ड्रोन को करीब चार से पांच किलो मीटर तक उड़ाकर उससे आंसू गैस के गोले गिराए जा रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर अगर ऐसी स्थिति बनी तब पुलिस उक्त ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत सभी आला अधिकारी बुधवार को भी दिन से रात तक सभी सीमाओं का दौरा कर सुरक्षा का जायजा लेते रहे।
विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि सिंधु, टीकरी, गाजीपुर और औचंदी समेत सभी छोटे बड़े रास्तों पर अर्द्ध सैनिक बलों और दिल्ली पुलिस का कड़ा पहरा है। एहतियातन हर तरह के बंदोबस्त किए गए हैं। हर तरह के हालत से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस पूरी तरह से तैयार है। सीमाओं से किसानों को किसी भी सूरत में दिल्ली में जबरन प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।