बुढ़ापे में गिरना और चोट लगना, इस रिस्क को कैसे करें कम?
नई दिल्ली। World Bone And Joint Day: उम्रदराज़ लोगों को अक्सर आंखों से जुड़ी या फिर संतुलन से जुड़ी दिक्कते होती हैं, जिसकी वजह से उनके गिर जाने का जोखिम बढ़ जाता है। यह ख़तरा गिले और फिसलन वाली सतह पर और बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी कमज़ोर होने लगती हैं, जिसमें ऑस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस शामिल है।
ग्लोबल हॉस्पिटल, परेल, मुंबई में कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. अनूप खतरी ने कहा, “ऑस्टियोपोरोसिस के कारण, मामूली गिरने से भी फ्रैक्चर हो सकता है, आमतौर पर कलाई, रीढ़ और कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर देखा जाता है। इस तरह गिरने से सिर और सीने में गहरी चोट भी आ सकती है। ऑस्टियोपोरोटिक हड्डियों में फ्रैक्चर को ठीक होने में समय लगता है और लंबे समय तक बेड रेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है। यहां कि ऑस्टियोपोरोटिक हड्डियों की सर्जरी भी चुनौतिपूर्ण होती है। इसलिए, इन सभी मुश्किलों से बचने के लिए विशेष रूप से उम्र बढ़ने पर गिरने से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।”
मानसून में बढ़ जाता है चोट का ख़तरा
कंसल्टेंट ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एंड ट्रॉमा सर्जन, डॉ. चिराग बोराना ने बताया, ” बरसात के समय उम्रदराज़ लोगों को चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। गीले फर्श के कारण दुर्घटनावश गिरने या असमान सड़कों पर संतुलन खोने की घटनाएं वरिष्ठ नागरिकों में बहुत आम हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश रोगियों में ऑस्टियोपोरोसिस होता है, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह ज़्यादा देखा जाता है। इनमें कूल्हे, रीढ़, कलाई, टखने या कंधे के फ्रैक्चर आम हैं।
क्या इस दिक्कत से बचा जा सकता है?
डॉ. खतरी का कहना है कि उम्रदराज़ लोगों को ऐसे जूते या चप्पल पहनने चाहिए, जो फिसले नहीं। संतुलन को सही बनाए रखने के लिए वॉकिंग स्टिक का इस्तेमाल अच्छा रहेगा। इसके अलावा अपनी आंखों का चेकअप समय-समय पर कराते रहें, रात में भी लैम्प या छोटी लाइट जला कर रखें, घर के आसपास भी स्ट्रीट लाइट का बंदोबस्त रखें। घर पर छोटे कार्पेट या मैट्स न रखें जिसमें पैर फंसकर आप गिर सकते हैं।
चोट से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
डॉ. चिराग बोराना के अनुसार:
- वरिष्ठ नागरिकों को बारिश के मौसम में सही फुटवियर पहनने चाहिए, जिससे वे गिरने से भी बचेंगे और संतुलन भी ठीक रहेगा।
- रोज़ एक्सरसाइज़ ज़रूर करनी चाहिए ताकि आप फिज़िकली फिट रहें।
- रोज़ वर्कआउट करने से मांसपेशियां मज़बूत होती हैं और हड्डियां को ताकत मिलती है, जिससे संतुलन भी बेहतर होता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस एक आइलेंट रोग है, और इसका जल्दी पता लगाया जाना चाहिए और इसका पर्याप्त इलाज किया जाना चाहिए।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।