उत्तराखंड में 4 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. पुलिस प्रशासन ने कांवड़ मेले की तैयारियां तेज कर दी है. कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए केंद्र से 12 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की गई है. देहरादून पुलिस मुख्यालय में अंतर्राजीय कोआर्डिनेशन बैठक बुलाई गई. बैठक में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारी शामिल हुए. आईबी, आरपीएफ, सीआरपीएफ के अधिकारी भी मौजूद थे. अंतर्राज्यीय कोआर्डिनेशन बैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने की.
कांवड़ रूट और डायवर्जन लागू करने पर बैठक में चर्चा
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कांवड़ रूट और डायवर्जन लागू करने पर चर्चा विस्तार से हुई. उन्होंने सभी राज्यों के अधिकारियों से सीसीटीवी की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया. चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी. हर आदमी सीसीटीवी की नजर में रहेगा. कांवड़ियों को पहचान पत्र साथ में रखना अनिवार्य होगा. डीजीपी अशोक कुमार ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की हुड़दंगबाजी को स्वीकार नहीं किया जाएगा. कांवड़ यात्रा में डीजे नियंत्रित रहेगा.
4- 17 जुलाई तक करीब चार करोड़ आ सकते कांवड़िए
कांवड़ की ऊंचाई 12 फुट से ज्यादा नहीं रहेगी. कांवड़ मेले में इस बार चार करोड़ लोगों के आने की संभावना है. पिछली बार तीन करोड़ 80 लाख लोग आए थे. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उत्तराखंड पहुंचने से पुलिस विभाग की चुनौती बढ़ गई है. सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक रखने की होती है. बता दें कि कांवड़ मेले का समापन 17 जुलाई को होगा. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि शांतिपूर्ण ढंग से कांवड़ मेला को संपन्न कराने पर चर्चा हुई. 4- 17 जुलाई तक चार धाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से हरिद्वार और ऋषिकेश मार्ग को नजरअंदाज करने की अपील की जाएगी.