नोएडा में बीत गया पूरा साल लेकिन अभी तक नहीं मिला आरटीई के तहत प्रवेश
नोएडा। अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत नए सत्र में प्रवेश को लेकर आवेदन प्रक्रिया चल रही है, लेकिन बीते वर्ष चयनित बच्चों को अभी तक प्रवेश नहीं मिला है। अभिभावक स्कूलों और बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं, ऐसे में बच्चों का एक साल बर्बाद भी हो गया है।
गौरतलब है कि नियमानुसार, आरटीई के तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व हैं। हर वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लाटरी के आधार पर स्कूल आवंटित किया जाता है। बीते वर्ष लाटरी में चयनित होने के बाद भी कुछ बच्चों को अभी तक प्रवेश नहीं मिल पाया है।
अभिभावक पवन कुमार ने बताया कि उनकी बेटी का नाम आया था, लेकिन आज तक प्रवेश नहीं मिला है। बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और स्कूल के चक्कर लगा रहे हैं। आज और कल का आश्वासन देते रहे, लेकिन प्रवेश नहीं मिला।
अर्जुन गौतम बताते हैं कि वह बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन देकर मामला आगे बढ़ा दिया गया। आज तक उनकी बेटी को प्रवेश नहीं मिला है। अभिभावकों का आरोप है कि विभाग और स्कूलों की आपसी मिलीभगत के चलते उनको प्रवेश नहीं मिला पा रहा है।
अब मुख्यालय ने किया जवाब-तलब
शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय से बीते तीन वर्षों में आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं देने वाले स्कूलों पर की गई कार्रवाई का जवाब-तलब किया है। विभाग को जिले में 2019 से 2021 के दौरान चयनित छात्रों को प्रवेश नहीं देने को लेकर की गई कार्रवाई का जवाब देना होगा।
यशपाल सिंह (खंड शिक्षा अधिकारी, गौतमबुद्धनगर) का कहना है कि आरटीई के तहत चयनित ज्यादातर बच्चों को प्रवेश मिला है। कुछ अभिभावक फार्म भरते समय स्कूलों का चयन गलत तरीके से कर देते हैं। ऐसे में लाटरी में नाम आने के बाद भी उनका स्कूल में प्रवेश नहीं होता है। हमारे खंड में भी कुछ ऐसे मामले हैं।