बेटी ने पत्नी बनकर पिता की पेंशन के 12 लाख रुपये डकारे, 10 साल बाद पहुंची जेल
एटा के अलीगंज में लेखपाल के निधन के बाद सगी बेटी कागजों में उसकी पत्नी बन गई। करीब 10 साल तक पेंशन लेती रही। इस दौरान सरकार के करीब 12 लाख रुपये हड़प लिए। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया है।
नगर के मोहल्ला कूंचादायम खां निवासी लेखपाल विजारत उल्ला खां 30 नवंबर 1987 को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद 2 जनवरी 2013 को उनका निधन हो गया। जबकि उनकी पत्नी साबिया बेगम की इससे पहले ही मृत्यु हो चुकी थी।
उनकी पुत्री मोहसिना परवेज पत्नी फारुख अली पेंशन प्रपत्रों में अपना नाम साबिया बेगम पत्नी विजारत उल्ला खां दर्ज कराकर पेंशन प्राप्त करने लगी। इस संबंध में शिकायत मिलने पर पूर्व में रहे उपजिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने मामले की जांच कराई। जांच में पाया गया कि मोहसिना ने पेंशन प्रपत्रों में हेराफेरी कर साबिया बेगम बनकर शासकीय धन का दुरुपयोग किया है।
रजिस्ट्रार कानूनगो राजकपूर ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले में पुलिस ने महिला के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। कोतवाली प्रभारी प्रेमपाल सिंह ने बताया कि आरोपी लंबे समय से फरार चल रही थी। पुलिस ने मोहसिना को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी बैनामा कराया
वहीं एक दूसरे मामले में जमीन स्वामियों के फर्जी अंगूठा का निशान लगाकर जमीन का बैनामा उपनिबंधक कार्यालय अलीगंज में पंजीकृत करा लिया गया। मामले के चार आरोपियों की जनपद न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अलीगंज थाने में बिछौरागंग निवासी राधाकृष्ण व मनोज कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें जैथरा थाने के गांव राया निवासी कमलेश कुमारी, दिलीप कुमार, सर्वेश कुमार व कश्मीर सिंह को नामजद किया। अपनी जमीन का 22 जून 2021 तथा 13 अप्रैल 2021 को फर्जी तरीके से बैनामा अलीगंज तहसील में पंजीकृत करा लेने का आरोप लगाया।
अदालत में आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत याचिका पेश की गई। डीजीसी रेशपाल सिंह राठौर ने याचिका का विरोध किया। अदालत ने पाया कि मामले की विवेचना प्रचलित है। ऐसे में आरोपी विवेचना को प्रभावित कर सकते हैं। जिस पर जनपद न्यायाधीश अनुपम कुमार ने आरोपियों की अर्जी को खारिज कर दिया।