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कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, 21 दिसंबर को सुनाया जाएगा

नई दिल्ली: अदालत ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. स्पेशल जज एमके नागपाल ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 21 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

संजय सिंह की न्यायिक हिरासत भी 21 दिसंबर को पूरी हो रही है. सुनवाई के दौरान ईडी ने संजय सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था दो करोड़ का लेनदेन दो किश्तों में किया गया. यह लेनदेन संजय सिंह के घर पर हुआ. इसकी पुष्टि दिनेश अरोड़ा ने की थी. ईडी ने कहा कि सर्वेश को सजंय सिंह के घर पर पैसा दिया गया जो कि सजंय सिंह का कर्मचारी है. दिनेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि की है.

ईडी ने कहा था कि उनके खिलाफ कैश ट्रांजेक्शन,कॉल रिकॉर्ड समेत अन्य साक्ष्य मौजूद है. ईडी ने मामले में गवाह का नाम गुप्त रखने के लिहाज से अल्फा नाम लेते हुए कहा कि अल्फा ने बताया है कि उसने अभिषेक बोइनपल्ली से चार करोड़ लिए और एक करोड़ संजय सिंह को दिया. ईडी ने कहा कि शुरुआत में उसने कुछ नाम का खुलासा नहीं किया.

उसका कहना था कि वे प्रभावशाली लोग है और इनसे उसको खतरा हो सकता था. इसलिए शुरुआत में उसने अपने बयान में गौतम मल्होत्रा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के नाम का खुलासा नहीं किया था. ईडी की तरफ से कहा गया कि संजय सिंह के पास से कुछ संवेदनशील दस्तावेज़ मिले थे, जो ईडी की फाइल का हिस्सा थे, जिसकी तस्वीर ली गई थी.

बता दें कि 6 दिसंबर को सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि वह जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और उनके देश छोड़कर भागने का कोई खतरा नहीं है. उनकी तरफ से कहा गया था कि 15 महीने तक संजय सिंह के खिलाफ कोई आरोप नहीं था और ना ही कोई पूछताछ हुई. उन्होंने कहा था कि यहां तक कि ईडी द्वारा दाखिल की गई पूरक चार्जशीट में संजय सिंह का नाम नहीं था. और तो और गिरफ्तारी से पहले तक कोई आरोप नहीं है.

संजय सिंह के वकील ने कहा था कि मामले मे दाखिल की गई चार्जशीट मे भी उनका नाम नहीं था. अब एजेंसी ने संजय सिंह को मुख्य साजिशकर्ता बता दिया है. जबकि जांच एजेंसी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. उस चार्जशीट में दो करोड़ संजय सिंह को कंपनियों से मिलने के बारे में एक बात भी नहीं कही गई. संजय सिंह के वकील ने दिनेश अरोड़ा के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो शख्स कभी इस केस में आरोपी था. उसके बयान की कितनी विश्वसनीयता है.

क्या यह माना जा सकता है कि बिना किसी दबाव, प्रलोभन के उसने संजय सिंह के खिलाफ बयान दिया. संजय सिंह के वकील ने कहा कि दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनते ही चंदन रेड्डी चार अक्टूबर को अपनी याचिका वापस लेता है और फिर संजय सिंह गिरफ्तार कर लिया जाता है. कोर्ट ने 28 नवंबर को ईडी को नोटिस जारी किया था. संजय सिंह ने 24 नवंबर को पेशी के दौरान जमानत याचिका दायर की थी.

बता दें कि संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि आप निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करते तो बेहतर होता. उसके बाद संजय सिंह ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर किया है. बता दें कि ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.

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