ऑस्ट्रेलिया में थम नहीं रहा हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला, अब श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में की तोड़फोड़ - न्यूज़ इंडिया 9
अंतर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रेलिया में थम नहीं रहा हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला, अब श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में की तोड़फोड़

ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू मंदिरों पर होने वाले हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे. आये दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन से ऐसा ही मामला सामने आया है. दरअसल, ब्रिस्बेन स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने एक बार फिर तोड़फोड़ की है.

गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 15 दिन के अंदर तीन हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने गुस्सा जाहिर किया था. तब भी तोड़फोड़ के साथ मंदिर में भारत विरोधी नारे लिखे गए थे. ऐसी घटनाओं से साफ तौर पर शांतिपूर्ण और बहुधर्मी भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समाज में नफरत और बंटवारा करने की कोशिश है.

मंदिर में हुआ तोड़फोड़

स्थानीय मीडिया के अनुसार, घटना शनिवार (3 मार्च) को तड़के सुबह की है. जब श्रद्धालु सुबह की पूजा के लिए आए थे. इस दौरान ब्रिस्बेन स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई. मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए. इस घटना के पीछे खालिस्तानी समर्थक बताये जा रहे हैं. बता दें कि दो महीने के अंदर ऑस्ट्रेलिया में किसी मंदिर से जुड़ी यह चौथी घटना है.

मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया कि मंदिर के पुजारी और भक्तों ने आज सुबह फोन किया और मुझे हमारे मंदिर की चारदीवारी पर तोड़फोड़ के बारे में सूचित किया. शुक्ला ने कहा कि वे प्रबंधन समिति की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद विस्तृत बयान देंगे. इससे पहले, ब्रिस्बेन में एक अन्य हिंदू मंदिर को पाकिस्तान में स्थित खालिस्तान चरमपंथियों से डराने-धमकाने वाले फोन आए थे.

द ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर के पास रहने वाले रमेश कुमार ने बताया कि मुझे पता है कि हिंदू मंदिरों में क्या हुआ है, नफरत का सामना करना अपने आप में एक बहुत ही दुखद अनुभव है.

ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं की संख्या 

ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं की कुल आबादी 6.84 लाख है. यहां हिंदू तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. ये ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी का 2.7% हिस्सा है. ये आंकड़ें 2021 में हुए जनगणना के हैं. चीन के बाद विदेशी छात्रों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button