देहरादून: वर्ष 2016 में हुए स्टिंग आपरेशन प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक मदन बिष्ट, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश कुमार के वॉइस सैंपल को लेकर सीबीआइ कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने कहा कि विधायक उमेश कुमार और मदन बिष्ट संवैधानिक पद पर बैठे होने के चलते उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को अब समन जारी किए जाएंगे, तब उन्हें वॉइस सैंपल की तिथि भी बताई जाएगी।
यह जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और विधायक मदन बिष्ट के अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल ने दी है। दूसरी ओर इस मामले में 27 जुलाई को उच्च न्यायालय का फैसला आना है। इस फैसले पर काफी कुछ निर्भर करेगा।
सीबीआइ ने जारी किया था चारों नेताओं को नोटिस
बता दें कि वॉइस सैंपल को लेकर बीते दिनों सीबीआइ ने चारों नेताओं को नोटिस जारी किया था। 15 जुलाई को उनके अधिवक्ताओं ने कोर्ट में तर्क दिया था कि यह मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। इसलिए उच्च न्यायालय के निर्णय आने के बाद ही इस पर सुनवाई की जानी चाहिए।
सामने आया था मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग
वर्ष 2016 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार में बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग सामने आया था। इसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी सरकार को बचाने के लिए विधायकों का मोल भाव करते दिखाए गए थे। एक अन्य स्टिंग में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया।
इस स्टिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भी शामिल होने की बात कही गई। दावा किया गया कि इन दोनों के स्टिंगकर्ता उमेश कुमार हैं। प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए वायस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआइ ने अदालत से मांगी थी।