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अनिल देशमुख के खिलाफ CBI का आरोपपत्र, पुलिस अफसरों की पोस्टिंग में अनुचित प्रभाव डालने का आरोप

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के मामले में गुरुवार को सत्र अदालत में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके निजी सहायक संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे के खिलाफ 59 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है। एजेंसी ने अप्रैल में देशमुख, पलांडे और शिंदे को 100 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया था। ​​​​​​​

21 अप्रैल 2021 को देशमुख के खिलाफ मामला हुआ था दर्ज 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर 21 अप्रैल, 2021 को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। 20 मार्च 2021 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने सचिन वाजे सहित मुंबई के कुछ पुलिस अधिकारियों को मुंबई के रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को देशमुख सीबीआई के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति देने के एक दिन बाद आरोप पत्र दायर किया गया है। मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी एक कार से विस्फोटक बरामद होने की जांच के सिलसिले में एनआइई ने वाजे को गिरफ्तार किया था।

वाजे ने पिछले हफ्ते विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता 72 वर्षीय देशमुख के खिलाफ सरकारी गवाह बनने और गवाही देने की अनुमति मांगी गई थी। सीबीआई ने अभियोजन पक्ष के लिए गवाह बनने के वाजे के अनुरोध पर सहमति जताई ताकि सच्चाई को उजागर किया जा सके और इस मामले में शामिल आरोपियों की भूमिका और मिलीभगत को साबित किया जा सके।

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