नोएडा में ऑडिशन के लिए मॉडल बुलाकर आपत्तिजनक सामग्री बनाने का हुआ पर्दाफाश

नोएडा। ऑडिशन के लिए मॉडलों को बुलाकर अश्लील सामग्री बनाने के धंधे का नेटवर्क साइप्रस समेत कई देशों में फैला है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कई देशों की स्ट्रीमिंग वीडियो बनाने वाली कंपनियों के साथ नोएडा के दंपती के संबंधों की जांच कर रही है। सेक्टर-105 में आपत्तिजनक सामग्री बनाया जा रहा था। ईडी ने शुक्रवार को दंपती के घर छापा मारकर इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट को पकड़ा था। ईडी ने जिस घर में कार्रवाई की वहां आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड करने के लिए स्टूडियो बना मिला।
जांच में सामने आया है कि कंपनी के डायरेक्टर उज्ज्वल किशोर और उसकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव एडल्ट वेबकैम स्टूडियो चला रहे थे। दंपती की कंपनी साइप्रस की कंपनी के लिए काम कर रही थी।
दंपती की कंपनी से बनाई गई सामग्री कई वेबसाइट पर अपलोड हो चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि साइप्रस के अलावा कई यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में भी इनकी कंपनी का संपर्क था। यह रैकेट पांच साल से दोनों चला रहे थे। जांच में कई अन्य लोग भी रडार पर हैं और आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारी हो सकती है।
युवतियों को ऑडिशन के लिए बुलाकर ऐसे फंसाते थे
दिल्ली-एनसीआर की कई युवतियों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया जाता था। सोशल मीडिया पर विज्ञापन में मॉडलिंग ऑडिशन की जानकारी दी जाती थी। जब युवतियां नोएडा स्थित घर पर ऑडिशन देने पहुंचती थीं तो आरोपी की पत्नी उन्हें अश्लील रैकेट का हिस्सा बनने का प्रस्ताव देती थी।
इस प्रस्ताव में 1 से 2 लाख रुपये महीने कमाने का प्रलोभन दिया जाता था। इनमें कुछ युवतियां इस जाल में फंस जाती थीं। बताया जाता है कि जब ईडी की टीम छापा मारने पहुंची तब वहां तीन लड़कियां मौजूद थीं।
रूस के सेक्स रैकेट का हिस्सा रहा है मुख्य आरोपी
जांच में पता चला है कि इस रैकेट का सरगना पहले रूस के सेक्स सिंडिकेट का हिस्सा रह चुका है। इसके बाद भारत में पत्नी के साथ आपत्तिजनक सामग्री रैकेट शुरू किया। पहले आरोपियों ने फेसबुक पर पेज बनाया था। जब इनके पास युवतियां आने लगीं तब रैकेट को आगे बढ़ाया और अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय हो गए।
500 युवतियों को हायर किया
इस सिंडिकेट में लड़कियों के लिए अलग-अलग काम होता था। लड़कियां जिस हिसाब से एक्ट करती थी उसी के हिसाब से रकम दी जाती थी। जैसे हाफ फेस शो (आधा चेहरा दिखना), फुल फेस शो (पूरा चेहरा दिखना), न्यूड (पूरी तरह नग्न) कैटेगरी होती थी। आरोपियों के पास क्रिप्टो करेंसी में भुगतान आते थे। रकम को पति-पत्नी ही अपने साथ काम करने वाले लोगों को बांटते थे। आशंका जताई जा रही है कि इन लोगों ने अब तक 500 से अधिक युवतियों को हायर किया है।
पर्पज कोड देकर खातों में मांगई रकम
दंपती ने गलत तरीके से ‘पर्पज कोड’ देकर अपने बैंक खातों में विदेशी पैसा लिया। इन दोनों ने बैंकों को विज्ञापन, मार्केट रिसर्च से लेकर जनमत संग्रह के नाम पर गलत तरीके से पर्पज कोड दिए थे। दरअसल पर्पज कोड एक विशिष्ट कोड होता है जो किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है। यह कोड अंतरराष्ट्रीय भुगतान के लिए लेनदेन की प्रकृति को स्पष्ट करता है।