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होली खेलने को लेकर हुआ खूनी संघर्ष, दो व्यक्तियों की हुई मौत, जानें क्या है पूरा मामला

अमेठी। बाबूपुर गांव में शुक्रवार को हुए खूनी संघर्ष का होली के दिन रंग डालना एक बहाना बन गया। दरअसल विवाद की जमीन दो माह पहले तैयार हो गई थी। कोटे के राशन को लेकर कोटेदार जगननाथ सिंह व रेवड़ापुर के मृतक शिवराज पासी के पुत्र प्रमोद से कहासुनी हो गई थी। दोनों पक्ष एक दूसरे को देख लेने की धमकी दिए थे। तभी से यह तनातनी चली आ रही है। प्रमोद पर थाने में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

शुक्रवार को प्रमोद जामो से बाबूपुर होते हुए अपने गांव रेवड़ापुर जा रहा था। रास्ते में बाबूपुर के लड़के डीजे बजाकर रंग खेल रहे थे। इसी बीच प्रमोद वहां पहुंच गया। उसे लोगों ने रंग लगा दिया। इस बात से नाराज प्रमोद पासी अपने घर पहुंच कर अपने साथियों को फोन किया। उन्हें गांव के पास बाग में पहुंचने को बोला। सभी साथियों के साथ वह बाग से बाबूपुर के लोगों को गालियां देते हुए ललकारने लगा। जिसकी जानकारी जगत सिंह ने अपने भाई देव बहादुर सिंह को फोन पर दी। इसके बाद अखंड प्रताप सिंह व देव बहादुर सिंह बाग में पहुंच गए।

अखंड पर भी थाने में कई आपराधिक केस है। वह जिला बदर था। एक माह पहले ही गांव आया था। देव बहादुर कोटेदार के भाई हैं। इन दोनों के वहां पहुंचते ही प्रमोद के साथियों ने उनपर ताबड़तोड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दी। दोनों ओर से जमकर हुई मारपीट में अखंडप्रताप सिंह व शिवराज पासी बुरी तरह घायल हो गए। उनके अलावा छह लोग और जख्मी हो गए। सूचना पर पहुंची 112 पुलिस व थाना प्रभारी धीरेंद्र यादव ने घायलों को सीएचसी पहुंचाया। जहां शिवराज व अखंड मृत घोषित हो गए। शिवराज की पत्नी राजकुमारी व बेटा सर्वेश को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है। जबकि प्रमोद का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

आईजी ने दिया कार्रवाई का निर्देश : अयोध्या रेंज आइजी के पी सिंह शुक्रवार की शाम घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने एसपी दिनेश सिंह के दोनों गांवों जाकर घटना के बारे में जानकारी ली। गांव में वह करीब पौन घंटे रहे।

पहले मृतक शिवराज के घर गए। वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद बाबूपुर में मृतक अखंड प्रताप के पिता वेदप्रकाश सिंह से मिले। वहीं एसपी को सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।

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