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RBI गर्वनर का बड़ा दावा, अब चंद महीनों में महंगाई से म‍िल जाएगी राहत

नई दिल्ली। भारत में महंगाई चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात आर्थिक विकास संस्थान द्वारा आयोजित किये गए कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में कही।

बता दें कि वर्तमान में खुदरा महंगाई लगातार पांचवें महीने आरबीआई के 6 प्रतिशत के अपर टॉलरेंस बैंड से अधिक रही है। इसके अलावा घरेलू थोक महंगाई पिछले एक साल से अधिक समय से डबल-डिजिट में बनी हुई है। इसके अलावा खाद्य कीमतों पर उन्होंने कहा कि वैश्विक कीमतें मार्च में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुकी हैं और उनका प्रभाव खाद्य तेल, फीड लागत और घरेलू गेहूं की कीमतों में पर पड़ रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि गर्मी की लहर के कारण रबी गेहूं के उत्पादन के नुकसान ने गेहूं की कीमतों पर और दबाव डाला है। वहीं, रूस और युक्रेन के बीच युद्ध और प्रतिबंधों के कारण सप्लाई चैन प्रभावित हुई है, जिससे महंगाई बढ़ी है।

आपको बता दें कि आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ दिनों पहले कहा था कि दिसंबर 2022 तक महंगाई केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्य छह फीसद से अधिक बनी रहेगी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि छह प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है। एक साक्षात्कार में दास ने कहा, ‘मुद्रास्फीति निश्चित रूप से अधिकांश देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ती महंगाई का सामना कर रही हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसने दुनियाभर में सरकारों और केंद्रीय बैंकों को चिंता में डाल रखा है। जहां तक बात देश की महंगाई की है, तो इसके पीछे बाहरी कारण सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।

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