बलूच समूहों ने संयुक्त राष्ट्र से मुल्तान अस्पताल में मिली लाशों पर संज्ञान लेने का किया आग्रह
मुल्तान. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक अस्पताल की छत से 400 से अधिक सड़ी- गली लाशों की बरामदगी ने शनिवार को और भी बदतर मोड़ ले लिया. यहां मिले सबूत बताते हैं कि ये लाशें बलूच और पश्तूनों की हो सकती हैं, जो जबरन गायब किए जाने के शिकार थे.
एक सूत्र ने CNN-न्यूज18 को बताया कि मुल्तान के पंजाब निश्तार अस्पताल से ये लावारिस लाशें बरामद की गई, जिनमें से कई लाशों की छाती खुली हुई थी और उनके कई अंग तक गायब थे.
एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन शवों पर मिले बड़े ‘सलवार’ से संकेत मिलता है कि पीड़ित बलूच या पश्तून हैं. उनकी मजबूत शरीर संरचना से इनके पहाड़ों और कठिन इलाकों से होने के संकेत देती है. डॉक्टर ने साथ ही बताया कि, अस्पताल प्रशासन उनका डीएनए परीक्षण नहीं करवा रहा और इस पूरे मामले को छिपाने की कोशिश कर रहा है.
माना जाता है कि ये लावारिस शव बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांतों से पाकिस्तानी बलों द्वारा अपहरण किए गए लोगों के हो सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि किसी भी पंजाबी, सिरैकी या स्थानीय व्यक्ति ने अस्पताल से उनका दावा नहीं किया है.
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री के सलाहकार चौधरी जमान गुर्जर ने बताया कि वह अस्पताल के दौरे पर थे, जब एक शख्स उनके पास आया और कहा, ‘अगर आप कोई नेक काम करना चाहते हैं तो मुर्दाघर में जाएं और इसकी जांच करें’. उन्होंने बताया कि जब वह पहुंचे तो कर्मचारी मुर्दाघर के दरवाजे खोलने को तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि अगर आप इसे अभी नहीं खोलते हैं तो मैं आपके खिलाफ FIR दर्ज करने जा रहा हूं.’
गुर्जर ने कहा कि जब उन्होंने डॉक्टरों से शवों के बारे में बताने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्रों ने लाशों का इस्तेमाल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया था.
हजारों बलूच और पश्तूनों के लापता होने का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भी समय-समय पर उठता रहा है. वहीं उधर बलूच अलगाववादी नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों से इस मामले की स्वतंत्र जांच और लाशों के डीएनए परीक्षण की अपील की है.