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UP: बाल सुधार गृह से छूटे अतीक अहमद के 2 बेटे, क्या संभालेंगे माफिया का साम्राज्य?

माफिया अतीक अहमद की हत्या के सात महीने के बाद उसके दो बेटों को प्रयागराज के बाल सुधार गृह से रिहा किया गया है. अतीक के दोनों छोटे बेटों अहजम अहमद और आबान अहमद को नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह में भेज दिया गया था. उनके बालिग होने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के आदेश के बाद रिहा किया गया है. अहजम और आबान को उनकी बुआ अतीक की छोटी बहन शाहीन परवीन को सौंपा गया है.

शाहीन परवीन की देखरेख में अहजम और आबान रहेंगे. अतीक के दो बड़े बेटे मोहम्मद उमर और अली यूपी की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. उसका एक बेटा मोहम्मद असद यूपी पुलिस के एनकाउंटर में पहले ही मारा जा चुका है. उनकी मां शाइस्ता परवीन लंबे समय से फरार चल रही है.

ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या अहजम और आबान अपने पिता अतीक अहमद के माफिया साम्राज्य को संभालेंगे? वैसे भी पिता की विरासत बेटे को ही मिलती है. यदि अतीक के परिवार में बचे हुए लोगों की बात करें तो अहजम और आबान ही मौजूद हैं. इसी साल 15 अप्रैल को अतीक और उसके भाई अशरफ के मारे जाने के बाद से ही उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है.

कहा जा रहा है कि वो माफिया के दाहिने हाथ कहे जाने वाले गुड्डू मुस्लिम के साथ नेपाल भाग चुकी है. परिवार में शाइस्ता के बाद उसके पांच बेटे ही थे, जिनमें असद अपने पिता से पहले ही पुलिस की गोलियों का शिकार हो चुका है. बचे चार बेटों में उमर लखनऊ, तो अली प्रयागराज जेल में बंद है.

गैंगस्टर अतीक अहमद के नक्शे कदम पर हैं बेटे

अतीक अहमद के पांच बेटों में पहला बेटा उमर, दूसरा अली, तीसरा असद, चौथा अहजम और पांचवा आबान है. उसके चारों बेटे अपने पिता के नक्शे कदम पर ही चलते रहे हैं. जमीन पर कब्जा करने से लेकर गुंडागर्दी करने तक, पांचों हर कदम अपने पिता के पदचिह्नों पर बढ़ाते रहे हैं. अतीक के दूसरे नंबर के बेटे अली ने एक बार अपने भाषण में कहा था, “कहते हैं मछली के बच्चे को पानी में तैरना नहीं सिखाया जाता. वही खून मेरी रगों में भी है. वही हौसला वही ताकत मुझ में भी है.”

अली की इन बातों से समझा जा सकता है कि पिता के जेल जाने के बाद भी उनका हौसला कितना बुलंद था. अली पर 6 केस दर्ज हैं. उस पर हत्या के प्रयास और 5 करोड़ की रंगदारी का आरोप हैं. उसके फरार होने के बाद पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था. उसने 31 जुलाई 2022 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. उसके बाद से प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद है.

”बिल्डिंग तुम बनाओ, इंशाल्लाह किराया हम वसूलेंगे”

साल 2021 में प्रयागराज के लीडर रोड पर अतीक अहमद के कब्जे से छुड़ाई गई जमीन पर यूपी सरकार ने गरीबों के लिए फ्लैट बनाने का काम शुरू किया था. इसका भूमि पूजन खुद योगी आदित्यनाथ ने किया था. इसके बाद अतीक के चौथे बेटे अहजम ने सीधे योगी सरकार को चुनौती दे दी थी.

उसने सोशल मीडिया पर लिखा था, ”अगर हमारे अब्बा की पुश्तौनी जमीन पर, जो कानूनी तौर पर सही है, सरकार ने दबंगई से फ्लैट बनवाया और किसी को दिया, तो देखते हैं कि वहां रहने के लिए कौन आता है. यदि कोई लेता भी है तो इंशाल्लाह उसका किराया हम लोग ही वसूलेंगे. आप शौक से बनवाइए, बेहतर बनवाइए.”

अहजम वही है जिसे नाबालिग मानकर बाल सुधार गृह भेजा गया था. वहां जाकर वो कितना सुधरा है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तय है कि उसकी रगों में अतीक अहमद का खून दौड़ रहा है. इसलिए उससे अच्छे काम की उम्मीद करना बेमानी है.

अहजम की उमेश पाल हत्याकांड में भी अहम भूमिका

इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की बम और गोलियां से हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड अहम गवाह था. इस हत्याकांड में भी अहजम का नाम सामने आया था. उसने सभी शूटरों और अतीक-अशरफ के मोबाइल फोन पर फेसटाइम एप आईडी बनाई थी. इस वारदात में शामिल सभी आईफोन को अहजम ही एक्टिवेट कर रहा था.

चार मार्च को प्रयागराज पुलिस ने दोनों भाईयों अहजम और आबान को उनके घर के पास ही लावारिस हालत में हिरासत में लिया था. बताया जाता है कि उमर, अली और असद अपने पिता के काले कारोबार को संभालते थे, जबकि अहजम उनको तकनीकी सपोर्ट देता था. हालांकि, आबान की अभी तक कहीं कोई भूमिका नहीं मिली है.

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