3 नवंबर को मौद्रिक नीति समिति की एक और बैठक, महंगाई पर सरकार को जवाब देने की तैयारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ी बड़ी खबर आई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान किया है कि इसकी मौद्रिक नीति समिति आने वाली 3 नवंबर को अतिरिक्त बैठक आयोजित करेगी. अब इस खबर से सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या आरबीआई एक बार फिर दरें बढ़ाने का फैसला लेने जा रहा है क्योंकि देश में महंगाई के आंकड़े काबू में नहीं आ रहे हैं.
क्या होगा मीटिंग का फोकस
साफ है कि देश में बढ़ती महंगाई को लेकर चिंताएं सरकार को ही नहीं आर्थिक विशेषज्ञों को भी सता रही हैं, आरबीआई लगातार अपनी हरेक एमपीसी की मीटिंग में इसको लेकर अपनी चिंता जताता रहता है और इस मीटिंग का फोकस भी महंगाई पर नियंत्रण को लेकर कदम उठाने पर ही होगा.
आरबीआई एक्ट के सेक्शन 45ZN के तहत होगी मीटिंग
ये अप्रत्याशित बैठक भारतीय रिजर्व बैंक के आरबीआई एक्ट के सेक्शन 45ZN के तहत बुलाई गई है. आरबीआई अपने महंगाई के टारगेट को पूरा करने में असफल रहा है और इसी को लेकर इस मीटिंग में कारणों, प्रभाव और कदमों पर चर्चा की जाएगी, ऐसा माना जा रहा है. इस मीटिंग के बाद आरबीआई एक्ट के तहत केंद्र सरकार को इस बैठक की रिपोर्ट जमा की जाएगी.
आरबीआई एक्ट के तहत इस रिपोर्ट में महंगाई के लक्ष्य को पूरा करने से चूक क्यों हुई, कैसे हुई और इसके क्या कारण रहे-इन सब पर तो विचार विमर्श की जानकारी होगी ही, साथ ही इस बात का भी विवरण होगा कि कैसे इस महंगाई के तय लक्ष्य को पूरा किया जा सके और इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
12 अक्टूबर को आए थे रिटेल महंगाई के आंकड़े
12 अक्टूबर को देश में रिटेल महंगाई दर के आंकड़े आए थे जिसमें कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित सितंबर की महंगाई दर बढ़कर 7.41 फीसदी पर आ गई थी. ये लगातार आरबीआई के तय लक्ष्य से दूर का आंकड़ा बना हुआ है और खाने-पीने के सामान सहित अन्य महंगाई दर की हालत बयां करते हैं.
US Fed की बैठक के अगले दिन ही है आरबीआई की बैठक
एक बात ये चौंकाने वाली है कि आरबीआई ने 3 नवंबर को एमपीसी की अप्रत्याशित बैठक बुलाई है जबकि इससे ठीक एक दिन पहले अमेरिका में फेडरल रिजर्व की बैठक भी है. माना जा रहा है कि इस बार फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में मामूली बढ़ोतरी कर सकता है, तो क्या इसका असर आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के कार्यकलाप पर भी पड़ सकता है, ये देखना होगा.