अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने नागरिकों से कहा- तुरंत रूस छोड़ें, जानिए क्यों दी चेतावनी

मास्को। अमेरिका ने अपने नागरिकों को तुरंत रूस छोड़ने की चेतावनी दी है। अमेरिका ने इसकी वजह यूक्रेन में युद्ध और रूसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मनमानी गिरफ्तारी और उत्पीड़न के जोखिम को बताया है।

रूस की विदेशी जासूस सेवा ने सोमवार को कहा कि उसे खुफिया जानकारी मिली थी कि अमेरिकी सेना रूस और पूर्व सोवियत संघ में लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्लामी आतंकवादियों को तैयार कर रही थी। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

अमेरिका ने अपने नागरिकों को दी चेतावनी

मास्को में अमेरिकी दूतावास ने कहा, ‘रूस में रहने वाले या यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों को तुरंत निकल जाना चाहिए। गलत तरीके से हिरासत में लिए जाने के जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरतें। रूस की यात्रा न करें।’

अमेरिका ने जारी किया अलर्ट

अमेरिका ने बार-बार अपने नागरिकों को रूस छोड़ने की चेतावनी दी है। इस तरह की आखिरी सार्वजनिक चेतावनी पिछले साल सितंबर में दी गई थी, जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना की आंशिक लामबंदी का आदेश दिया था।

अमेरिकी नागरिकों को नहीं मिल रही निष्पक्ष कानूनी व्यवस्था

अमेरिकी दूतावास ने कहा, ‘रूसी सुरक्षा सेवाओं ने फर्जी आरोपों पर अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। हिरासत और उत्पीड़न के लिए रूस में अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें निष्पक्ष और पारदर्शी कानूनी व्यवस्था से वंचित किया जा रहा है। गुप्त सुनवाई या विश्वसनीय सबूत पेश किए बिना उन्हें दोषी ठहराया गया है।’

रूस ने लागू किया स्थानीय कानून

‘रूसी अधिकारियों ने मनमाने ढंग से अमेरिकी नागरिक धार्मिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ स्थानीय कानूनों को लागू किया है। साथ ही धार्मिक गतिविधियों में लगे अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ संदिग्ध आपराधिक जांच शुरू की है।’ फेडरल सिक्योरिटी सर्विस ने इसी साल जनवरी में कहा था कि रूस ने जासूसी के संदेह में अमेरिकी नागरिक के खिलाफ एक आपराधिक मामला खोला है।

अमेरिका हमला करने के लिए उग्रवादियों को तैयार कर रहा- रूस

रूस का आरोप है कि अमेरिका रूस पर हमला करने के लिए आतंकियों को तैयार कर रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक सहयोगी की अध्यक्षता वाली रूस की विदेशी खुफिया सेवा (एसवीआर) ने कहा कि उसके पास खुफिया जानकारी थी कि इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से जुड़े समूहों के 60 ऐसे आतंकवादी भर्ती किए गए थे। सीरिया में एक अमेरिकी बेस पर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा था।

आतंकियों को हमले करने का काम सौंपा जाएगा- विदेशी खुफिया सेवा

एसवीआर ने कहा, ‘उन्हें राजनयिकों, सिविल सेवकों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और सशस्त्र बलों के कर्मियों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की तैयारी करने और उन्हें अंजाम देने का काम सौंपा जाएगा।’ बयान में कहा गया है, ‘रूस के उत्तरी काकेशस और मध्य एशिया से अप्रवासियों को आकर्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।’

केजीबी का हिस्सा था एसवीआर

बता दें कि एसवीआर कभी शक्तिशाली सोवियत-युग की खुफिया एंजेसी केजीबी का हिस्सा था। इसका नेतृत्व सर्गेई नारिशकिन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल अंकारा में सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स से मुलाकात की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने रूसी समकक्ष पुतिन को एक निरंकुश के रूप में देखते हैं, जो अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा हैं।

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