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आजम खान के बाद अब बीजेपी विधायक की सदस्यता रद्द, कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा

लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खी बने कवाल कांड को आठ साल बीत चुके हैं। इस मामले में विधायक विक्रम सैनी को शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई। वहीं अब विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। बता दें कि आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सतीश महाना को पत्र लिखकर सवाल उठाया और कहा कि जिस तरह आजम खान के मामले में तत्परता दिखाई है, उस तरह से मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता को समाप्त करने में क्यों नहीं दिखाई गई।

मुजफ्फरनगर दंगे के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट से हुई दो साल की सजा के मामले में खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की है। कवाल कांड़ के बाद हुए झगड़े के मामले में विधायक विक्रम सैनी समेत 12 आरोपियों को अदालत ने 11 अक्तूबर को दो-दो साल कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। विधायक समेत सभी आरोपियों की जमानत अर्जी भी स्वीकृत हो गई थी। निचली अदालत के फैसले पर विधायक ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

विधायक के अधिवक्ता भारतवीर अहलावत ने बताया कि अपील दायर कर दी है, जल्द ही सुनवाई की तिथि तय हो जाएगी। उधर, जिला प्रशासन ने स्थानीय अदालत के फैसले की कॉपी भी शासन को भेज दी है। डीजीसी राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि डीएम ऑफिस के माध्यम से विधायक को सजा की कॉपी भेजी गई है।

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