राष्ट्रीय

SP ऑफिस पर 400 लोगों ने बोला धावा, सुरक्षाबलों के साथ झड़प में एक की मौत; 30 से अधिक घायल

मई महीने में मणिपुर में जो हिंसा शुरू हुई, वह रह-रह के सुलग उठती है. राज्य में पूरी तरह शांति अब तक बहाल नहीं हो सकी है. ताजा घटना है मणिपुर के चुराचांदपुर का. यहां गुरुवार की रात को हिंसा तब भड़क उठी जब भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) और उपायुक्त (डीसी) कार्यालयों वाले सरकारी परिसर में घुसकर गाड़ियों को आग लगा दी. न सिर्फ भीड़ ने आग लगाई बल्कि तोड़फोड़ भी की.

ये घटना ऐसे समय में हुई जब जिला पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को एक वीडियो में कथित तौर पर हथियारबंद लोगों के साथ देखे जाने की बात हुई. आखिरकार उस हेड कांस्टेबल को वीडियो के सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और सुर्वे के खिलाफ विभागीय जांच पर भी विचार किया जा रहा है.

मौके पर मौजद लोग क्या बोले?

एक अधिकारी की मानें तो सुरक्षा बल जिन बसों और ट्रकों का इस्तेमाल करते हैं, ऐसी कई बसों और ट्रकों को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया है. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई आंसू गैस के गोले भी दागे मगर स्थिति नाजुक बनी रही. मणिपुर के एक अधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा बल हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है.

उधर मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए. एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा है कि एसपी शिवानंद सुर्वे का निलंबन आदेश जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तुरंत उसके बाद शाम करीब 7:40 बजे चुराचांदपुर एसपी कार्यालय के सामने भीड़ जुट गई.

मणिपुर पुलिस ने क्या कहा?

मणिपुर पुलिस ने भी इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी दी और कहा कि लगभग 300-400 लोगों की संख्या की भीड़ ने एसपी ऑफिस पर हमला और पथराव की कोशिश की. पुलिस की मानें तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) सहित अन्य सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

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