बीजिंग विंटर ओलंपिक का अमेरिका, ब्रिटेन समेत 4 देशों ने किया बहिष्कार, चीन बोला- चुकानी होगी कीमत
बीजिंग: पहले अमेरिका, फिर ऑस्ट्रेलिया, फिर ब्रिटेन और अब कनाडा…चीन में अगले साल होने वाले शीतकालीन ओलंपिक को अब तक चार देशों ने डिप्लोमेटिक बहिष्कार की घोषणा कर दी है। जिसके बाद चीन काफी गुस्से में है और चीन ने डिप्लोमेटिक बहिष्कार करने वाले देशों को धमकी देते हुए कहा है कि, जिन देशों ने चीन के खिलाफ कदम उठाए हैं, उन्हें गंभीर अंजाम भुगतना पड़ेगा।
कनाडा चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड का हवाला देते हुए बीजिंग में आगामी शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने में संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के ग्रुप में शामिल हो गया है। बुधवार को ओटावा में पत्रकारों से बात करते हुए, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि, कनाडा शीतकालीन खेलों के लिए कोई आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा, जो 4 से 20 फरवरी तक चीनी राजधानी में आयोजित किया जाएगा। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने नहीं सोचा था कि यह निर्णय “चीन के लिए एक आश्चर्य के रूप में आएगा”। उन्होंने कहा, “हम पिछले कई वर्षों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में अपनी गहरी चिंताओं के बारे में बहुत स्पष्ट रहे हैं और हमारा ये कदन मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए अपनी गहरी चिंताओं को व्यक्त करने का सिलसिला है।”
डिप्लोमेटिक बहिष्कार ने चीन को अंदर से हिला कर रख दिया है और अब चीन ने सीधे तौर पर अमेरिका को धमकी दी है। चीन ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि, मानवाधिकार चिंताओं पर बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका “कीमत चुकाएगा”। अमेरिका के फैसले पर बौखलाए चीन ने कहा कि, अमेरिका के इस कदम ने बीजिंग को उग्र विरोध करने के लिए मजबूर किया है और चीन ने चेतावनी देते हुए कहा कि, अमेरिका “अपने गलत काम की कीमत चुकाएगा”। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक दैनिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से बात करते वक्त अमेरिका को चेतावनी दी है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि, “झूठ और अफवाहों के आधार पर वैचारिक पूर्वाग्रह से बाहर बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में हस्तक्षेप करने का अमेरिका का प्रयास केवल इसके भयावह इरादों को उजागर कर रहा है”। जबकि, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि, चीन के “शिनजियांग में चल रहे नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध और दूसरे तरह के मानवाधिकारों के हनन” को देखते हुए बाइडेन प्रशासन बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में राजनयिकों को नहीं भेजने का फैसला किया है। हालांकि, अमेरिकी खिलाड़ी बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, “टीम यूएसए के एथलीटों को हमारा पूरा समर्थन है। हम उनके साथ शत-प्रतिशत रहेंगे।”
अमेरिका-चीन संबंधों में तेजी से दरार आना उस वक्त शुरू हुआ, जब अमेरिका की पुर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन मे चीन के ऊपर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं और डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे तौर पर चीन को कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया। डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे तौर पर कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहा था। बाइडेन शासन आने के बाद उम्मीद जताई गई थी कि, दोनों देशों के बीच रिश्ते में सुधार होगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया और बाइडेन प्रशासन में चीन और अमेरिका के संबंध और खराब ही हुए हैं।