डीएम के औचक निरीक्षण में 23 कर्मचारी अनुपस्थित मिले, स्पष्टीकरण देने के साथ वेतन कटौती के निर्देश
एटा। डीएम ने सोमवार को अवागढ़ में पीएचसी, सीएचसी, मंडी समिति, प्राथमिक विद्यालय लालपुर और आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान चार डॉक्टर और 19 कर्मचारी (कुल 23 कर्मचारी) अनुपस्थित मिले। सभी का एक दिन का वेतन काटते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम अंकित कुुमार अग्रवाल को प्राथमिक विद्यालय लालपुर में पंजीकृत 35 छात्र-छात्राओं के सापेक्ष 27 बच्चे उपस्थित थे। शिक्षामित्र विमलेश अनुपस्थित मिलीं। बच्चों से वार्ता कर शिक्षा की गुणवत्ता को चेक किया। विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंद्रवती नदारद थीं। सीएचसी चुरथरा एवं पीएचसी अवागढ़ का निरीक्षण कर जनसामान्य को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली।
निरीक्षण में पाया कि डॉ. मनमोहन, डॉ. संगीता, डॉ. सौरभ सिंह पुंढीर, स्टाफ नर्स किरन कुमारी, राजन देवी, अलीहसन, काउंसलर स्नेहलता, शालिनी, प्रीती वर्मा, अभिषेक कुमार, वरूण कुमार यादव, शिव कुमार दीक्षित, अजय कुमार, दिनेश सिंह, जसराम सिंह, विजय शर्मा, अरविंद कुमार अनुपस्थित मिले। पशु चिकित्सालय अवागढ़ में पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रेवती प्रसाद दो दिन से अनुपस्थित पाए गए। इन अधिकारियों, कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए।
अवागढ़ मंडी समिति में तीन कर्मचारी मिले गायब
डीएम ने सोमवार सुबह अवागढ़ में धान खरीद केंद्र, पीडीएस गोदाम एवं मंडी समिति अवागढ़ का निरीक्षण किया। डीएम सबसे पहले धान क्रय केंद्र पहुंचे। केंद्र प्रभारी लकी सक्सेना ने बताया कि बाजरा के 4000 क्विंटल लक्ष्य के सापेक्ष 391 क्विंटल एवं धान के लक्ष्य 2000 क्विंटल के सापेक्ष 522 क्विंटल खरीद हुई है।
डीएम ने किसानों से वार्ता कर खरीद में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम ने मंडी समिति अवागढ़ का निरीक्षण किया। जहां संतोष कुमार, ओमप्रकाश, भीकम सिंह अनुपस्थित मिले। स्पष्टीकरण के साथ एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि मंडी परिसर में समुचित साफ-सफाई रहनी चाहिए।
इतनी बड़ी संख्या में अनुपस्थिति निराशाजनक
डीएम ने सख्त हिदायत दी कि सभी अधिकारी, कर्मचारी समय से कार्यालय, तैनाती स्थल पर उपस्थित हों। सोमवार को निरीक्षण के दौरान इतनी बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारियों का अनुपस्थित रहना निराशाजनक है। संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी करते हुए आगाह किया कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति होने पर सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।