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योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार दंगाइयों पर हुई और सख्त, विधानसभा में पास हुआ निजी संपत्ति क्षति वसूली संशोधन विधेयक

लखनऊः उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे दंगों और हिंसा के चलते कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। जिसके चलते अब योगी सरकार ने ऐसे दंगाईयों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। जिसके तहत अब अगर दंगा, हिंसा या उपद्रव की वजह से किसी की मौत हो जाती है, तो मुआवजे की वसूली दंगाई या हिंसा फैलाने वाले दोषी से की जाएगी। इसके लिए योगी सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022’ को आज विधानसभा से पास करा लिया है। विधानसभा में पास होने के बाद अब इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।

बता दें कि ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022’ को अगर राज्यसभा से मंजूरी मिल जाती है तो नया कानून लागू होगा। इस कानून में दंगों से किसी की मौत पर उसके आश्रितों को न्यूनतम पांच लाख रुपये मुआवजे का भुगतान भी किया जाएगा। नए कानून के तहत किसी हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान आम लोगों को होने वाले नुकसान की भरपाई भी हो सकेगी। अब कोई भी याचिका में दावेदार हो सकता है। साथ ही पूर्व से चल रहे दावों की सुनवाई जारी रहेगी। दावा प्राधिकरण किसी मामले का स्वत: संज्ञान भी ले सकेगा।

क्षतिपूर्ति के लिए सख्त कानून जल्द अस्तित्व में आएगा

दंगाइयों से क्षतिपूर्ति के लिए और सख्त कानून जल्द अस्तित्व में आ जाएगा। यूपी सरकार ने सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति का दायरा बढ़ाने के साथ किसी हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वालों तथा गंभीर रूप से घायल होने वाले पीड़ितों के लिए मुआवजे की न्यूनतम राशि का भी प्रविधान किया है। राज्य सरकार ने मूल अधिनियम की धारा-19 में संशोधन करते हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर न्यूनतम पांच लाख रुपये तथा स्थायी दिव्यांगता होने पर न्यूनतम एक लाख रुपये मुआवजा प्रदान कराए जाने की व्यवस्था की है। पूर्व में दावा प्राधिकरण के समक्ष तीन माह के भीतर मुआवजे के लिए आवेदन करने की व्यवस्था थी, जिसकी अवधि बढ़ा दी गई है। अब तीन वर्ष के भीतर दावा प्रस्तुत किया जा सकेगा। दावा प्राधिकरण को दावा याचिका दाखिल करने में विलंब को माफ करने का अधिकार भी होगा। किसी प्रदर्शन अथवा धरने के दौरान उपद्रव होने की स्थिति में संबंधित कार्यक्रम के आयोजकों को भी आरोपी बनाया जाएगा।

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