देहरादून: विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण में होगा या देहरादून में इसे लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
गर्मी के मौसम में गैरसैंण की पूरी तरह अनदेखी की गई, और अब जबकि ठंड दस्तक दे चुकी है तब चर्चा है कि यहां शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जा सका है। इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर गैरसैंण की अनदेखी का आरोप लगाते हुए हमला बोला है। ये भी कहा कि विधानसभा सत्र गैरसैंण में होना चाहिए। इस बीच हरिद्वार के दो विधायकों ने शीतकालीन सत्र देहरादून में ही कराने का अनुरोध किया है। इनमें से एक हैं लक्सर के बसपा विधायक शहजाद और दूसरे हैं खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और यमुनोत्री विधा.क संजय डोभाल। दोनों ने मुख्यमंत्री को अलग-अलग पत्र लिखे हैं। बसपा विधायक ने लेटर में लिखा कि गैरसैंण विधानसभा भवन चोटी (टॉप) पर बना है। वहां ओलावृष्टि, बारिश व बर्फ गिरती है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर या दिसंबर में प्रस्तावित है।
शीत ऋतु होने के कारण गैरसैंण में अधिक सर्दी होगी। इसलिए शीतकालीन सत्र देहरादून में ही आहूत करना उचित प्रतीत होगा। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने लिखा कि आम जनभावनाओं के दृष्टिगत विस का ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में कराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन यह सत्र देहरादून में हुआ। उन्होंने भी शीतकालीन सत्र देहरादून में कराने का अनुरोध किया है। फिलहाल जिस तरह के हालात बने हुए हैं उसे देखते हुए शीतकालीन सत्र के देहरादून में होने के प्रबल आसार हैं। सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सत्र की तैयारी को लेकर सर्वदलीय बैठक की थी। बैठक में विपक्ष ने गैरसैंण में सत्र आहूत करने का मसला उठाया था। स्पीकर ने इस सवाल को यह कहकर टाल दिया था कि सत्र की तिथि और स्थल के बारे में निर्णय प्रदेश सरकार को करना है। माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र 15 नवंबर या उसके बाद की किसी तिथि से शुरू हो सकता है।