हॉस्पिटल में बच्चे का गलत इलाज, हाथ काटने की नौबत; डॉक्टर ने आरोपों को नकारा
रायबरेली। लालगंज कोतवाली क्षेत्र के रानीपुर गांव के रहने वाले एक पीड़ित के द्वारा जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर एक प्राइवेट क्लीनिक संचालक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पीड़ित का आरोप है कि डॉक्टर के द्वारा उसके बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाने से उसके बच्चे के एक हाथ में सड़न शुरु हो गई। इससे उसके बच्चे का एक हाथ सड़क चुका है। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने मामले में जांच कराकर कार्रवाई किए जाने के निर्देश सीएमओ को दिए।
रानीपुर गांव के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके दो वर्ष मासूम बच्चे राघव को निमोनिया होने के कारण बीती 13 जून शहर के एक प्राइवेट क्लीनिक में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। आरोप है कि बच्चे को इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसके हाथ में गलत इंजेक्शन लगा दिया। गलत इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उसके बच्चे के हाथ में धीरे-धीरे इन्फेक्शन फैलने लगा। इसके बाद उसने अस्पताल के डॉक्टरों को बताई तो डॉक्टरों ने उसे आश्वासन देते हुए कहा कि परेशान ना हो ठीक हो जाएगा, लेकिन एक-दो दिन बीत जाने के बाद जब इंफेक्शन और फैलने लगा। इससे उसके एक हाथ में पूरी तरह से सड़क शुरु हो गई। परेशान होकर वह अपने बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकता रहा। इसके बाद जब पिता ने बच्चे को एम्स के डॉक्टरों को बच्चे को दिखाया तो एम्स के डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के गैंग्गरीन फैल चुका है,इसका इलाज यहां संभव नहीं है। बच्चे की बिगड़ी हालत को देखकर परेशान पिता सुरेंद्र शर्मा ने जिलाधिकारी को शिकायत्री पत्र देकर प्राइवेट क्लीनिक संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। वहीं डीएम माला श्रीवास्तव ने बच्चे की हालत को देखकर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए सीएमओ को निर्देशित किया गया कि मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
क्या कहते हैं सीएमओ
सीएमओ डॉ वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि पीड़ित के द्वारा डीएम को दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर शहर के एक प्राइवेट क्लीनिक संचालक के खिलाफ जांच शुरु कर दी गई है। बच्चे का गलत इलाज करने की वजह से उसके हाथ में सड़न शुरु हो गई। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण की जांच के लिए एसीएमओ और एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाकर मामले की जांच करके रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी। जबकि जांच अधिकारी एसीएमओ डॉ अरविंद का कहना है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आ रही है, लेकिन पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।