पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, आरोपियों को आजीवन कारावास की सुनाई सजा

मैनपुरी। औंछा थाना क्षेत्र के अकबरपुरा मोहल्ला टंकी में दो दिसंबर 2021 को हुई मनोज की सनसनीखेज हत्या में शनिवार को अदालत से फैसला आया। हत्यारोपी मनोज की पत्नी और उसके प्रेमी को एडीजे-6 चेतना चौहान की कोर्ट से दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये की सजा सुनाई। मृतक की बेटियों के लिए उचित प्रतिकार का भी आदेश लिखा गया है।
औंछा थाना क्षेत्र के अकबरपुरा मोहल्ला टंकी निवासी मनोज (28) मजदूरी करता था। उसके पास दो बेटियां भी थीं। मनोज की संदिग्ध परिस्थितियों में 2 दिसंबर 2021 को मौत हो गई थी। उसका शव सुबह घर के कमरे में जमीन पर पड़ा मिला था। उसके गले में साड़ी का फंदा लगा था। देखने में आत्महत्या लग रही थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया।
गले की हड्डी में फ्रैक्चर पाया गया। मृतक के भाई विनोद कुमार ने हत्या का मुकदमा अपनी भाभी खुशबू सविता और मोहल्ले में ही रहने वाले खुशबू के प्रेमी अभिषेक मिश्रा पर दर्ज कराया था। पुलिस ने खुशबू के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई तो यह प्रमाणित हो गया कि खुशबू और अभिषेक मिश्रा के संबंध हैं। दोनों के बीच लंबी बातचीत होती थी। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि अवैध संबंधों में बाधक बनने के कारण खुशबू ने प्रेमी अभिषेक के साथ मिलकर साड़ी से गला घोंटकर मनोज की हत्या कर दी थी।
आरोपी पत्नी खुशबू ने अपने प्रेमी अभिषेक के साथ मिलकर जिस रात पति मनोज की गला घोंटकर हत्या की थी। उस समय उसकी 7 वर्षीय बेटी रिया ने सब कुछ अपनी आंखों से देखा था। यह जानकारी परिजनों की ओर से पुलिस को दी गई। कोर्ट में जब गवाही की बारी आई तो बेटी ने अपने पिता की हत्या का पूरा राज खोल कर रख दिया। बेटी ने अपने बयानों में यह भी बताया कि उस घटना के बाद वह काफी डर गई थी। बाद में परिजन को उसने पिता की हत्या का सच बताया था। अभियोजन पक्ष की ओर से विपिन कुमार चतुर्वेदी ने कोर्ट में गवाहों को पेश किया। गवाई के दौरान मुकदमा विवेचक, लेखक, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, मुकदमा वादी आदि की गवाही हुई।
सजा सुनते ही खुशबू अदालत में फूट-फूटकर रोने लगी। खुशबू की मां भी अदालत में पहुंची हुई थी। मां ने ही खुशबू के लिए अधिवक्ता कर पैरवी कराई थी। इधर, अभिषेक मिश्रा के बहनोई, बहन और मां भी कोर्ट में पहुंचे थे। अभिषेक की आंखें भी सजा का एलान होते ही नम हो गईं। दोनों को अदालत से सजाई वारंट जारी होने के बाद पुलिसकर्मी देर शाम को उन्हें जेल में दाखिल करने के लिए पहुंचे।अभिषेक और खुशबू ने अपनी जमानत के लिए जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक में अपने अधिवक्ताओं से पैरवी कराई। मगर, अभियोजन पक्ष की कड़ी पैरवी के चलते इन दोनों को जमानत नहीं मिल सकी थी।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विपिन चतुर्वेदी ने दोषी खुशबू के अपराध को मेरठ की मुस्कान के अपराध से अंतिम बहस में जोड़ा। अदालत में कहा कि खुशबू और उसके प्रेमी अभिषेक को फांसी की सजा दी जाए, ताकि समाज को इसका कड़ा संदेश जाए। अभियोजन ने बहस में कहा कि हत्या न सिर्फ मनोज की हुई, बल्कि उसके भरोसे की हुई। एक पति को अपनी पत्नी पर भरोसा होता है। तभी दोनों एक घर, एक कमरे और एक बिस्तर पर रहते हैं। अगर, पत्नी ही अपने पति की हत्या कर दे तो यह साथ जन्मों के रिश्ते, भरोसे का कत्ल है।