UBS ने पूरा किया Credit Suisse का अधिग्रहण, दो बड़े स्वीस बैंक अब एक साथ करेंगे काम
स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक ने क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इस बात की जानकारी यूबीएस ने साझा की है। इस अधिग्रहण के बाद UBS दुनिया का सबसे बड़ा वैल्थ मैनेजमेंट करने वाला बैंक बन गया है। और बैंक की बैलेंस शीट करीब 1.6 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी । जो कि कई देशों की जीडीपी से बड़ी होगी। यही नहीं बैंक करीब 5 लाख करोड़ डॉलर का एसेट मैनेजमेंट करेगा। बैंकिंग इतिहास में यह पिछले 15 साल का सबसे बड़ा मर्जर है। इस मर्जर से 167 साल पुराने क्रेडिट सुईस बैंक (Credit Suisse) का अस्तित्व भी खत्म हो गया है। और नया UBS एक ऐसे स्विस बैंक के रुप में आया है जिसे बैंकों का टाइटन कहा जा सकता है।
3.3 अरब डॉलर का हुआ है सौदा
सोमवार को यूबीएस ने इस अधिग्रहण पर कहा है कि ”यूबीएस ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार करते हुए आज क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण पूरा कर लिया है।”क्रेडिट सुइस लंबे समय तक यूबीएस बैंक का प्रतिस्पर्धी रहा है।ज्यूरिख स्थित दोनों बैंक तीन अरब फ्रैंक (3.3 अरब डॉलर) के सौदे के तहत एक हो रहे हैं। मार्च में जब क्रेडिट सुइस के शेयर गिर गए थे और जमाकर्ताओं ने डरकर अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया था, ऐसे माहौल में स्विस सरकार और नियामकों ने जल्दबाजी में इस सौदे को अंतिम रूप दिया था।इस विलय समझौते का मकसद दो अमेरिकी बैंकों के पतन के बाद वैश्विक वित्तीय प्रणाली में उथल-पुथल को दूर करना था। इस अधिग्रहण के बाद यूबीएस स्विट्जरलैंड का एकमात्र प्रमुख बैंक रह जाएगा।
गोपनीयता के लिए पूरी दुनिया में फेमस स्विस बैंक
Credit Suisse स्विटजरलैंड का दूसरा सबसे बड़ा बैंक था। और इस अधिग्रहण के बाद अब उसका अस्तित्व खत्म हो गया है। स्विस नेशनल बैंक की रिपोर्ट के अनुसार स्विटजरलैंड में छोटे-बड़े कुल 243 बैंक है। और पूरी दुनिया में स्विस बैंक अपनी गोपनीयता के लिए फेमस हैं। ऐसे में हर बैंक की अपनी खासियत है। जिस गोपनीयता को बनाए रखने के लिए स्विटजरलैंड के बैंक फेमस हैं, उसकी नींव 17 वीं सदी में पड़ी थी। जब ग्रांड काउंसिल ऑफ जिनेवा ने एक कोड तैयार किया, जिसके तरह अकाउंट होल्डर की जानकारी किसी से भी साझा नहीं करने का नियम बनाया गया। इसी खासियत की वजह से पूरी दुनिया के लोग स्विस बैंक में खाता खोलने के लिए लालायित रहते हैं। आम तौर पर स्विटजरलैंड में सामान्य खातों पर 0 फीसदी ब्याज मिलता है। यही नहीं उलटे खाताधारक को मेंटनेंस चार्ज भी देना पड़ता है।