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एटा में पूर्व विधायक रामेश्वर की मुश्किलें बढ़ी, अब कोर्ट ने कर दी इस मामले में जमानत अर्जी खारिज

एटा में अलीगंज के पूर्व विधायक व सपा नेता रामेश्वर सिंह यादव को न्यायालय से जमानत नहीं मिल सकी। बृहस्पतिवार को गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में उनके जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया। उनके अधिवक्ताओं ने न्यायालय में दलील रखी कि पुलिस ने आपराधिक इतिहास गलत दर्शाया है। पूर्व विधायक की अधिक उम्र का भी हवाला दिया, लेकिन न्यायाधीश विनोद कुमार ने जमानत का पर्याप्त और न्यायोचित आधार न बताते हुए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। वहीं एससी-एसटी एक्ट के एक अन्य मामले में जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय की गई है।

चली लंबी बहस

गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं और शासकीय पक्ष के अधिवक्ताओं में काफी लंबी बहस हुई। पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने 78 मुकदमे दिखाए हैं, जबकि अधिकांश मामले खत्म हो चुके हैं। वह किसी में सजायाफ्ता नहीं हैं। आपराधिक इतिहास का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। इस पर डीजीसी रेशपाल सिंह राठौर सहित सरकारी वकीलों ने विरोध करते हुए कहा कि सपा शासन काल में सत्ता के प्रभाव में मामलों में एफआर लगी या वापस ले लिए। पूर्व विधायक को दोषमुक्त नहीं किया गया।

पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं ने रखा ये तर्क

पूर्व विधायक के अधिवक्ताओं ने तर्क रखा कि पूर्व विधायक की उम्र करीब 72 वर्ष है और वह हृदय सहित अन्य रोगों से ग्रसित हैं। शासकीय अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह बाहर आकर जघन्य अपराधों को अंजाम देकर जनता में भय व आतंक व्याप्त कर सकते हैं। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश ने जमानत के लिए पर्याप्त आधार न मानते हुए प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया।

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