अंतर्राष्ट्रीय

एफबीआई के शीर्ष अधिकारी नई दिल्ली पहुंचे, भारतीय एजेंसियों से करेंगे मुलाकात

इस साल एक इंटरनेशनल रिपोर्ट में दावा किया गया था, कि चीन के साथ अरूणाचल में जब झड़प हो रही थी, तो अमेरिका की तरफ से भारतीय सैनिकों को रीयल-टाइम जानकारियां दी जा रही थीं, इससे भारतीय सैनिकों को पीएलए के सैनिकों को खदेड़ने में काफी मदद मिली।

हालांकि, व्हाइट हाउस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस खबर की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था और भारत की तरफ से भी इसकी पुष्टि नहीं की गई। लेकिन, ऐसा माना जाता है, कि इस तरह के खुफिया ऑपरेशंस को लेकर ज्यादा जानकारियां सार्वजनिक नहीं की जाती हैं।

वहीं, अब भारत और अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के बीच काफी अहम समझौता होने जा रहा है, जिससे दोनों देशों की खुफिया सेवा और भी ज्यादा मजबूत होगी।

भारत में एफबीआई के टॉप अधिकारी

अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के इंटरनेशनल ऑपरेशंस डिवीजन के असिस्टेंट डायरेक्टर रेमंड डूडा मंगलवार को भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुंचे हैं और भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारियों के साथ उनकी मुलाकात होगी।

इस दौरान खुफिया अधिकारियों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए समझौते किए जाएंगे।

भारत में अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट करते हुए इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी दूतावास ने कहा, कि “एफबीआई के इंटरनेशनल ऑपरेशंस के असिस्टेंट डायरेक्टर रेमंड डूडा का नई दिल्ली में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। अपनी यात्रा के दौरान डूडा, भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एफबीआई के सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है।”

आपको बता दें, कि डूडा फरवरी 2022 में एफबीआई के इंटरनेशनल ऑपरेशंस डिवीजन के सहायक निदेशक बने थे। एफबीआई द्वारा जारी बयान के मुताबिक, उन्होंने हाल ही में यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी के एक अन्य एजेंसी में सहायक-निदेशक स्तर पर काम किया है।

डूडा 1991 में एक विशेष एजेंट के रूप में एफबीआई में शामिल हुए थे और उन्हें उत्तरी कैरोलिना में चार्लोट फील्ड कार्यालय में बैंक और बीमा धोखाधड़ी और अन्य सफेदपोश अपराधों पर काम करने के लिए नियुक्त किया गया था।

1995 में, रेमंड डूडा को शार्लोट सेफ स्ट्रीट्स टास्क फोर्स में ट्रांसफर किया गया था, जो हिंसक अपराधों की जांच पर केंद्रित थी। उन्हें 2005 में टास्क फोर्स सुपरवाइज़र और 2008 में शार्लोट के संयुक्त आतंकवाद टास्क फोर्स के सुपरवाइज़र के रूप में प्रमोशन दिया गया था।

भारत के साथ होने वाला समझौता अहम

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी, जिन्होंने पिछले सप्ताह ही अपना कार्यालय ग्रहण किया है, उन्होंने एफबीआई के टॉप अधिकारी का भारत में स्वागत किया है।

एरिक गार्सेटी मंगलवार को भारत पहुंचे थे और दूतावास पहुंचकर उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था। एरिक गार्सेटी जो बाइडेन के काफी करीबी हैं और उस वक्त भारत के राजदूत बने हैं, जब भारत और अमेरिका के बीच तेजी से समझौते हो रहे हैं और दोनों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को एक सख्त प्रतिद्वंदी माना है।

एफबीआई कैसी जांच एजेंसी है?

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, यानि एफबीआई मेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अंदर आने वाली एक जांच एजेंसी है, जो संघीय आपराधिक जांच निकाय और आंतरिक खुफिया एजेंसी, दोनों के रूप में काम करती है।

एफबीआई के पास अमेरिका में संघीय अपराधों की 200 से ज्यादा श्रेणियों में जांच का अधिकार है। इस एजेंसी ने इस साल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आवास मार-ए-लागो पर छापेमारी की थी।

एफबीआई के दफ्तर अमेरिका के साथ साथ बाहर भी हैं और ये अमेरिका के सहयोगी देशों की एजेंसियों के साथ मिलकर भी काम करती है। खासकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एफबीआई का काम काफी सराहनीय रहा है। विकीपीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, “लीगल अटैचीज” कहे जाने वाले 50 से ज्यादा एफबीआई के अंतरराष्ट्रीय कार्यालय दुनिया भर के अमेरिकी दूतावासों में मौजूद हैं।

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