जिला जेल में त्रिदवसीय रामकथा का आयोजन
जिला कारागार, गौतमबुद्धनगर में राजराजेश्वरी मानव कल्याण एवं धर्माथ ट्रस्ट, अयोध्या के तत्वावधान में दिनांक-04.03.2023 से 06.03.2023 तक बंदियों के गुणोत्तर सुधार हेतु त्रिदवसीय रामकथा का आयोजन कराया जा रहा है। कथा हेतु अयोध्या से कारागार में आईं कथावाचिका परमपूज्यनीया देवी राज राजेश्वरी जी के द्वारा रामकथा के विभिन्न प्रसंगों को कारागार के परिपेक्ष्य में बंदी सुधार हेतु बहुत ही रूचिकर रूप से बंदियों को श्रवण कराया जा रहा है।
कथा के द्वितीय दिवस का प्रसंग-
भगत हेतु भगवान प्रभु राम धरेऊ तनु भूप ।
किये चरित पावन परम प्राकृत नर अनूरूप ।।
जब प्रभु भक्तांे के वास्ते अवतार लेते है तो अवतार कालीन भक्तांे को अपने दर्शन और वचनों द्वारा पोषन करते है जो भक्त नहीं है उसे भक्त बनाते है। देवी कुन्ती कहती है-आप शुद्व हृदय वाले विचारशील जीवन मुक्त परमहंसो के हृदय में अपनी प्रेममयी भक्ति का सृजन करने के लिए अवततीर्ण हुये हैं फिर हमारे जैसी अल्पबुद्वि स्त्री आपको कैसे पहचान सकती। हंस उसे कहते हैं जो दूध और पानी को अलग कर दुग्ध पान कर ले ऐसी ही योगी लोग सद्-असद् को जान कर असद् संसार त्याग कर सद प्रभु भजन में लीन होते हैं, जो परमहंस है, जिनके दृष्टि में संसार नाम की कोई चीज ही नही है, ऐसे परमहंस अमलात्मा मुनियांे के हृदय में भक्ति योग विस्तार के लिये अवतार धारण करते हैं। प्रभू भक्तों की सुन्दर भावनाओं को बिना अवतार लिये पूरा नहीं कर सकते इसलिए (सो केवल भक्तन हीत लागी) यही प्रधान कारण है। हम भी अकिंचन होकर प्रभु को याद करेंगें, तो प्रभु हमारे यहां भी आयेंगें, वो केवल हरि नाम से ही सम्भव है, श्री नाम स्मरण के बिना मनुष्य को पत्थर के समान जड़बुद्वी और बज्र के समान कठोर हृदय समझो राम नाम ही सज्जनों की सत्य सम्पत्ति है नाम के सुयश का प्रतिदिन गुड़गान करते हुये नाम के प्रभाव को पहिचानो जब तक जाप नही होगा तो अनुभव नही होगा।
जेल अधीक्षक श्री अरूण प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कारागार में निरूद्ध बंदियों के सुधार हेतु रामकथा का आयोजन कराया जा रहा है, जिसे बंदी बहुत ही उत्साहित होकर सुन रहे हैं। रामकथा के आयोजन से कारागार के अंदर बंदियों के मध्य एक सकारात्मक वातावरण उत्पन्न हो रहा है, जोे न सिर्फ कारागार में निरूद्धि अवसादग्रस्त बंदियों को अवसाद मुक्त करने में भी सहायक हो रहा है अपितु बंदियों को अपराध के रास्ते से दूर कर कारागार से मुक्त होने के उपरांत समाज की मुख्य धारा में जोड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर राजराजेश्वरी मानव कल्याण एवं धर्माथ ट्रस्ट, अयोध्या के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संत श्री अखिलेश दास जी, जेल अधीक्षक, श्री अरूण प्रताप सिंह, जेलर, श्री जे0पी0 तिवारी, श्री मुकुल गोयल, प्रदेश मंत्री, उ0प्र0 युवा उद्योग व्यापार मण्डल, गौतमबुद्धनगर, श्री रविन्द्र तिवारी, श्री बिजेन्द्र तिवारी तथा कारागार के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।