Joshimath Sinking: आपदाग्रस्त घोषित है यह गांव, जमीन पर बढ़ रही दरारों से बढ़ी चिंता
जोशीमठ। आपदाग्रस्त जोशीमठ के निवासियों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही। भूधंसाव के कारण नगर में भवनों और जमीन पर दरारों का बढ़ना जारी है। इससे सुनील गांव में दो भवन एक-दूसरे की तरफ झुक गए हैं। इधर, औली रोपवे के पहले टावर के आसपास खेतों में नई दरारें आने से क्षेत्रीय निवासियों में भय व्याप्त है।
आपदाग्रस्त घोषित है यह गांव
जोशीमठ का सुनील गांव आपदाग्रस्त घोषित है। इस वार्ड में 78 भवनों पर प्रशासन ने लाल निशान लगाया है, जो निवास योग्य नहीं हैं। इनमें से 28 भवन खतरनाक हैं। पिछले कुछ दिनों से इस वार्ड में दरार वाले नए भवन नहीं मिले हैं, लेकिन जिन भवनों में पहले से दरारें आई हैं उनमें खतरा बढ़ रहा है। वार्ड के स्वीई मोहल्ले भवनों में दरारें बढ़ने व जमीन धंसने से देवेंद्र सिंह और जोत सिंह रावत के दोमंजिला भवन एक-दूसरे की तरफ झुक रहे हैं। हालांकि, इन भवनों को पहले ही खाली कराया जा चुका है। जोत सिंह रावत का परिवार राहत शिविर में रह रहा है, जबकि देवेंद्र सिंह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जोशीमठ से सात किमी दूर पैतृक गांव सेलंग चले गए हैं।
जोत सिंह का कहना है कि पहले दोनों भवनों की छत के बीच डेढ़ फीट की दूरी थी, लेकिन भूधंसाव के कारण अब भवनों की छत एक-दूसरे को छू रही है। इससे क्षेत्र के अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। कुछ खेतों में भी बड़ी-बड़ी दरारें देखी गई हैं। इससे स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से राहत की मांग की है।
जमीन पर बढ़ रही दरारों से बढ़ी चिंता
जमीन पर बढ़ रही दरारों से जोशीमठ-औली रोपवे की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। रोपवे के संचालन केंद्र से कुछ दूरी पर स्थित रोपवे के पहले टावर के आसपास जमीन पर फिर से नई दरारें आ रही हैं। रोपवे का संचालन फिलहाल बंद है। सुरक्षा की दृष्टि से इसकी लगातार निगरानी भी की जा रही है।
दरार वाले भवनों की संख्या व जलधारा का प्रवाह स्थिर
शहर में दरार वाले भवनों की संख्या पिछले एक पखवाड़े से स्थिर है। वर्तमान में 868 भवनों पर लाल निशान लगा हुआ है। इनमें 181 भवन खतरनाक घोषित किए गए हैं। इधर, जेपी कालोनी में फूटी जलधारा को लेकर भी राहत बरकरार है। दो जनवरी की रात फूटी जलधारा का प्रवाह मंगलवार को भी 17 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) रहा।
अंतिम चरण में पहुंची होटलों की डिस्मेंटलिंग
सिंहधार क्षेत्र में भूधंसाव से प्रभावित होटल मलारी इन और माउंट व्यू की डिस्मेंटलिंग अंतिम चरण में पहुंच गई है। होटलों के अंतिम तल का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। जेपी कालोनी में 14 भवन गिराए जा चुके हैं और अंतिम भवन ध्वस्त हो रहा है।