इस RBI गवर्नर ने दिया 10000 के नोट का आइडिया, इस कारण बाजार में नहीं आ पाया नोट
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर से एक नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला लिया है। 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट ( 2000 Notes) को बंद करने का फैसला लिया गया। आरबीआई के साल 2016 में नोटबंदी के बाद जिस नोट को जारी किया था, उसे करीब 8 सालों में ही वापस ले लिया। 2000 का नोट वापस लेने के फैसले के पीछे आरबीआई बार-बार दलील दे रहा है कि हाई वैल्यू वाले नोटों को बाजार से वापस लिया जा रहा है। केंद्रीय बैंक ने दलील दी कि 2 हजार के बड़े नोट की बाजार में जरूरत नहीं है।
10000 रुपये के नोट छापने की सिफारिश
आपको जानकर हैरानी होगी आरबीआई ने जिन 2000 रुपये के नोट को ये कहकर वापस लेने का फैसला लिया कि बड़े नोट की जरूरत नहीं है, कुछ साल पहले उसी आरबीआई ने 5000 रुपये और 10000 रुपये के बड़े नोट को छापने की सिफारिश की थी। अक्टूबर 2014 में RBI के गवर्नर रघुराम राजन ( Raghuram Rajan) ने केंद्र सरकार को 5 हजार और 10 हजार रुपए के नोट जारी करने का सुझाव दिया था। रघुराम राजन ने इसके पीछे दलील दी थी कि देश में बढ़ती महंगाई के चलते 1 हजार रुपए के नोट की कीमत कम हुई है। बेकाबू महंगाई पर काबू पाने के लिए उन्होंने बड़े नोट को छापने की सिफारिश की गई।
अरुण जेटली ने कर दिया था इनकार
सेंट्रल बैंक RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार को 5 हजार और 10 हजार के नोट छापने की सलाह दी थी। आरबीआई गवर्नर के इस सुझाव को सरकार ने मानने से इंकार कर दिया है। उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया क्योंकि वह रीप्लेसमेंट करंसी जल्द चाहती थी, इसलिए सरकार ने 2 हजार रुपए के नोट जारी करने का फैसला लिया गया। हालांकि बाद में साल 2015 में रघुराम राजन ने खुद कहा था कि बड़े मूल्यवर्ग के नोटों के साथ जालसाजी का डर रहता है। जिसके चलते इसे रखना मुश्किल होता है। बड़े नोटों के साथ काला बाजारी आसान हो जाती है। भारत के पड़ोसी देशों से नकदी नोटों की जालसाजी आसान हो जाती है।