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SBI Home Loan की ईएमआई में आज से हो जाएगा बदलाव, आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बुधवार रात कर्ज की ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया. एसबीआई ने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) को 70 बेसिस पॉइंट या 0.7 परसेंट तक बढ़ाने की घोषणा की है. इसी के साथ एसबीआई का बीपीएलआर अब 13.45 परसेंट पर पहुंच गया है. इस महीने उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी एमपीसी बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला करेगा. कहा जा रहा है कि सितंबर में ही रिजर्व बैंक 50 बेसिस पॉइंट तक रेपो रेट बढ़ा सकता है. महंगाई को देखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है. उससे पहले ही एसबीआई ने कर्ज की दरों में बदलाव कर दिया है.

एसबीआई का बीपीएलआर महंगा होने से जिन ग्राहकों का कर्ज इससे जुड़ा है, उनका लोन री-पेमेंट पहले से अधिक हो जाएगा. यानी पहले जिस दर से लोन रीपेमेंट किया जा रहा था, अब उससे अधिक पैसे चुकाने होंगे. मौजूदा बीपीएलआर 12.75 परसेंट है जिसमें 70 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की गई है. इसी के साथ यह दर अब 13.45 फीसद हो गई है. पिछली बार जून महीने में एसबीआई ने बीपीएलआर में बदलाव किया था.

कितना महंगा हुआ कर्ज

बदलाव के बाद बीपीएलआर सालाना 13.45 परसेंट हो गया है और यह 15 सितंबर, 2022 से लागू हो गया है. स्टेट बैंक ने अपनी वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दी है. इसी के साथ एसबीआई ने अपने बेस रेट में भी 70 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया है और यह बढ़कर 8.7 फीसद पर पहुंच गया है. जिन लोगों ने बेस रेट के आधार पर लोन लिया है, अब उनकी ईएमआई पहले से अधिक हो गई है. उन्हें पहले की तुलना में अधिक ईएमआई चुकानी होगी.

बैंक पहले पुराने बेंचमार्क पर ग्राहकों को लोन दिया करते थे. अब अधिकांश बैंक एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट यानी कि ईबीएलआर पर लोन देते हैं. रेपो-लिंक्ड लेंडिंग पर पर भी कर्ज दिया जाता है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक जैसे ही रेपो रेट बढ़ाता है, वैसे ही बैंकों के लोन भी महंगे हो जाते हैं. बैंक बीपीएलआर और बेस रेट को हर तिमाही संशोधित करते हैं. माना जा रहा है कि एसबीआई के नक्शेकदम पर चलते हुए देश के बाकी बैंक भी लेंडिंग रेट में बदलाव करेंगे.

और बढ़ सकता है रेपो रेट

इसी महीने रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होने वाली है. उससे पहले एसबीआई ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट में वृद्धि कर दी है. माना जा रहा है कि बैठक में रिजर्व बैंक फिर से रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. इस महीने खुदरा महंगाई फिर से बढ़ कर सामने आई है. थोक महंगाई तो घटी है, लेकिन खुदरा महंगाई में इजाफा है. आरबीआई खुदरा महंगाई पर ही पॉलिसी दरों में बदलाव करता है. इसलिए माना जा रहा है कि रेपो रेट फिर बढ़ेगा. इस महीने तीन दिन आरबीआई की बैठक होनी है जो 28 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी.

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