अंतर्राष्ट्रीय

UAE-पाकिस्तान के संयुक्त बयान में कश्मीर का नहीं हुआ कोई जिक्र, PM शहबाज शरीफ ने बनाई दूरी

संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका दिया है और भले ही दिवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान को यूएई ने पैसे को लेकर मदद की हो, लेकिन कश्मीर पर शहबाज शरीफ सरकार को बहुत बड़ा झटका मिला है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की खराब आर्थिक हालात के बीच संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया है और इस दौरान दोनों देशों के बीच जो ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया है, उसमें कश्मीर मुद्दे का जिक्र तक नहीं है।

शहबाज सरकार को बड़ा झटका

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान क्षेत्रीय, राजनीतिक और सुरक्षा मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया है। लेकिन, इस मुलाकात के दौरान सबसे दिलचस्प बात ये रही, कि संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान के संयुक्त बयान में कश्मीर का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जो खाड़ी देशों में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। इस ज्वाइंट स्टेटमेंट में दोनों पक्षों ने राजनीति, रक्षा, आर्थिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने, संयुक्त उद्यम विकसित करने और मानव संसाधन क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की पहल पर चर्चा करने की बात कही है, लेकिन कश्मीर मुद्दे का कोई जिक्र नहीं है। वहीं, शहबाज शरीफ े पाकिस्तान को मिलने वाली मानवीय सहायता के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति अल नाहयान को धन्यवाद दिया है।

कश्मीर मुद्दा नहीं उठा पाया पाकिस्तान

रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अमीरात के राष्ट्रपति के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने से परहेज किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, आर्थिक, रणनीतिक, टेक्नोलॉजी और ऊर्जा सेक्टर को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत की गई है। वहीं, डिजिटल क्षेत्र में विकास लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है, लेकिन पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में कश्मीर मुद्दा नहीं है। आपको बता दें कि, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने 12-13 जनवरी को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के निमंत्रण पर संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक यात्रा की है और कार्यभार संभालने के बाद शरीफ की यह तीसरी यूएई की यात्रा थी। संयुक्त बयान में कहा गया है, कि “दोनों पक्षों ने मानव तस्करी से निपटने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के राजनयिक अकादमियों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये हैं।”

UAE के सामने कश्मीर मुद्दा क्यों नहीं?

हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री, बिलावल भुट्टो जरदारी ने यूएनएससी की बैठक में, जिसकी दिसंबर महीने की अध्यक्षता भारत कर रहा था, उसमें न्यू ओरिएंटेशन फॉर रिफॉर्म्ड मल्टीलेटरिज्म (एनओआरएम) पर बहस के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कश्मीर के मुद्दे को उठाया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने उस दौरान कहा था, कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा उन्होंने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान पीएम मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी भी की थी, लेकिन शहबाज शरीफ यूएई के सामने कश्मीर मुद्दे को नहीं उठा पाए। एक्सपर्ट्स का कहना है, कि यूएई और भारत के बीच हाल के कुछ सालों में रिश्ते काफी मजबूत हो गये हैं, लिहाजा पाकिस्तान अब कश्मीर का मुद्दा उठाने से परहेज करने लगा है।

भारत-यूएई के बीच मजबूत होती दोस्ती

हाल के कुछ सालों में, खासकर नरेन्द्र मोदी के भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और यूएई के बीच की दोस्ती काफी मजबूत हुई है और दोनों देशों ने व्यापार को लेकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी किया है। इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशो ने काफी प्रगति की है। यूएई को सामान बेचने के मामले में पिछले साल भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और चीन के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच के संबंध किस कदर मजबूत हो रहे हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि जब पिछले साल पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया था, उस वक्त खुद यूएई के राष्ट्रपति ने एयरपोर्ट पर आकर उनका स्वागत किया था। वो भी उस वक्त, जब पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं की कथित विवादित टिप्पणी ने कई मुस्लिम देशों को नाराज कर दिया था।

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