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सरकार ने सोने के कुछ आभूषणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध, इंपोर्ट पॉलिसी में भी किया संशोधन

भारत में सोने को लेकर लोगों का प्यार जगजाहिर है और सोने के आयात के आंकड़ों पर भी सरकार का ध्यान रहता है. देश में सोने की खपत काफी ज्यादा है और इसी कारण से यहां सोने का आयात भी जमकर होता है. अब सरकार ने इसी सोने के इंपोर्ट पर कुछ हद तक अंकुश लगाने का फैसला ले लिया है.

भारत सरकार ने किया एलान 

भारत सरकार ने सोने के कुछ गहनों और अन्य सामान के इंपोर्ट पर बुधवार को रेस्ट्रिक्शन्स लगाने की घोषणा की है. इस कदम से कुछ गैर-जरूरी चीजों के इंपोर्ट पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. अब इंपोर्टस को इन गोल्ड प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट के लिए सरकार से लाइसेंस की मंजूरी लेनी होगी.

ट्रेड पॉलिसी में खामियां दूर करने की कोशिश

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक दुनिया में कीमती मेटल्स की खपत करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश भारत है और देश अपनी ट्रेड पॉलिसी में कुछ खामियों को दूर करने के लिए इन नियमों को लेकर आया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है. हालांकि डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि इन उत्पादों के इंपोर्ट की पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से संशोधित कर ‘फ्री ट्रेड’ से ‘रेस्ट्रिक्टिड’ की कैटेगरी में डाल दिया गया है.

इंडोनेशिया से गोल्ड ज्वैलरी बिना टैक्स दिए आ रही थी

इस कदम को उठाने के पीछे का कारण ये है कि पिछले कुछ समय से इंडोनेशिया से प्लेन गोल्ड ज्वैलरी को लाने का सिलसिला चल रहा था और इसके लिए कोई इंपोर्ट टैक्स भी नहीं दिया जा रहा था. मुंबई के एक डीलर का कहना है कि इंडोनेशिया कभी भी भारत के लिए सोने के गहनों का आयातक नहीं रहा, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इंपोर्टर्स ने 3-4 टन सोना इंडोनेशिया से इंपोर्ट किया है और इसके लिए कोई टैक्स भी नहीं दिया है.

घट रहा है सोने का इंपोर्ट

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में मोती और मूल्यवान जेम्स का इंपोर्ट 25.36 फीसदी घटकर चार अरब डॉलर पर आ गया है. इस दौरान सोने का इंपोर्ट भी 40 फीसदी घटकर 4.7 अरब डॉलर रह गया है. गौरतलब है कि भारत में सोने के इंपोर्ट पर 15 फीसदी टैक्स वसूला जाता है.

यूएई-भारत के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर लागू नहीं होंगी ये रेस्ट्रिकशन्स

हालांकि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने साफ किया है कि ये अंकुश भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच लागू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के तहत होने वाले इंपोर्ट पर लागू नहीं होगा.

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