छह साल के मासूम की मौत, डाक्टर ने कहा-मेडिकल स्टोर वाले ने दिया गलत इंजेक्शन
चिकित्सा क्षेत्र में लगे गैर-प्रशिक्षितों ने छह साल के बच्चे की जान ले ली। डॉक्टर ने मलेरिया होने पर बच्चे को सिरप लिखा था। मेडिकल स्टोर संचालक ने सिरप के बजाय उसी नाम का इंजेक्शन थमा दिया। इंजेक्शन लगाने वाले व्यक्ति ने भी डोज का अंदाजा लगाए बगैर ही बच्चे को इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। पांच दिन के संघर्ष के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पीजीआई क्षेत्र के सरस्वतीपुरम कॉलोनी निवासी अनुज जायसवाल ने हुसैनगंज कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उन्होंने अपने भतीजे रेयांश (6) को हुसैनगंज स्थित नवजीवन चाइल्ड केयर क्लीनिक में डॉ. मुकेश केसरवानी को दिखाया था। रेयांश को मलेरिया था। उन्होंने अन्य दवाओं के साथ ही लैरगो सिरप लिखा था। यह सिरप दिन में 20 मिलीलीटर दिया जाना था, उन्होंने पास के ही मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं खरीदीं। मेडिकल स्टोर संचालक ने उनको लैरगो सिरप के बजाय इंजेक्शन थमा दिया। घर जाकर उन्होंने यह इंजेक्शन लगवाया। इंजेक्शन की 20 मिलीलीटर की डोज कमर में देने के बाद ही बच्चे की हालत खराब हो गई है और उसकी सांस रुकने लगी। आनन-फानन वे उसे पास के नर्सिंग होम ले गए। सीपीआर देने के बाद बच्चे की सांस तो वापस आ गई, लेकिन हालत नहीं सुधरी। इसके बाद बच्चे को लेकर वे मेदांता अस्पताल गए। वहां करीब पांच दिन उपचार के बाद पांच सितंबर को उसकी मौत हो गई। घरवालों ने मेडिकल स्टोर के खिलाफ तहरीर दी है।
बेहद दुखद घटना और गंभीर लापरवाही
यह घटना बेहद दुखद है। दवा के पर्चे पर साफ तौर पर सिरप लिखा था। लैरगो इंजेक्शन दो मिलीलीटर के पैक में ही आता है। मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने के बाद इंजेक्शन लगाने वाले ने भी यह देखने की जरूरत नहीं समझी कि आखिर इतनी डोज कैसे दी जाएगी। इतनी ज्यादा डोज बच्चे के लिए घातक होती है। बच्चे का देहांत होना कई स्तर की लापरवाही का नतीजा है।
– डॉ. मुकेश केसरवानी, बाल रोग विशेषज्ञ
शिकायत आने पर की जाएगी जांच
इस तरह की शिकायत अभी संज्ञान में नहीं आई है। अगर ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। मेडिकल स्टोर पर अनिवार्य रूप से फार्मासिस्ट होना चाहिए। मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट न होने की बात साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. मनोज अग्रवाल, सीएमओ