थड्यूरोफ्लेक्स ने लॉन्च किया नया ‘मैट्रेस एक्सचेंज’ प्रोग्राम
रात में अच्छी नींद लेना सेहत के लिए बेहद जरूरी माना गया है। दरअसल, अच्छी नींद एक संतुलित और पौष्टिक भोजन खाने और एक्सरसाइज करने जितनी ही महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, बहुतों को पता नहीं है कि नींद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उनके मैट्रेस को सात—आठ वर्ष में अवश्य बदल देना चाहिए। लेकिन कुछ लोग इस बात को जानने के बावजूद मैट्रेस बदलने में संकोच करते हैं, क्योंकि यह पता नहीं होता कि पुराने मैट्रेस का वह क्या करेंगे। इस समस्या से निपटने और लोगों के नींद लेने के अनुभव को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ भारत के अग्रणी स्लीप सॉल्यूशंस प्रोवाइडर ड्यूरोफ्लेक्स ने अपना ‘मैट्रेस एक्सचेंज’ प्रोग्राम पेश करने के लिए नई डिजिटल फिल्म रिलीज की है।
ड्यूरोफ्लेक्स की इस डिजिटल फिल्म में ब्राण्ड ने उस पल को दिखाया है, जब एक व्यक्ति अपने पुराने, फटे और दाग-धब्बों वाले मैट्रेस को नीलामी में बेचने की कोशिश करता है। जब वह अपना फोम मैट्रेस दिखाता है, तो वहां मौजूद लोगों से पूछता है कि क्या उन्हें मैट्रेस पसंद है और सभी हंसने लगते हैं। फिल्म के अंत में वह सपने से जागता है और बताया जाता है कि पुराने मैट्रेस को सपने में बेचना भी कितना मुश्किल है। फिर इसमें दिखाया जाता है कि ड्यूरोफ्लेक्स के ‘मैट्रेस एक्सचेंज’ प्रोग्राम में एनरोल करके इस समस्या को हल करने में मदद मिल सकती है। यानी, इस प्रोग्राम की मदद से लोग अपने पुराने मैट्रेस एक्सचेंज करा सकते हैं और रियायती दामों पर नया मैट्रेस खरीद सकते हैं। यह ऑफर 28 अप्रैल से शुरू हो गया है, जो 31 मई तक चलेगा।
इस संबंध में ड्यूरोफ्लेक्स के सीईओ मोहनराज जे. कहते हैं, ‘ड्यूरोफ्लेक्स में हमारा मुख्य मिशन बेहतर और सेहतमंद नींद लेने में भारत के लोगों की मदद करना है। पुराने मैट्रेस से नींद बाधित हो सकती है। पुराने मैट्रेस की जिन्दगी खत्म होने के बाद भी इस पर सोने से कमर के स्थायी दर्द से लेकर त्वचा में एलर्जी तक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। भारत के स्लीप एक्सपर्ट के तौर पर ड्यूरोफ्लेक्स मैट्रेस एक्सचेंज प्रोग्राम के साथ हम पुराने मैट्रेस से छुटकारा पाने और अपनी जरूरतों के अनुसार तथा रात में अच्छी नींद देने वाले मैट्रेस घर लाने में ग्राहकों की मदद करना चाहते हैं।’