चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल से बढ़ेगा तनाव, अमेरिका ने ड्रैगन को जमकर लताड़ा
सियोल: अमेरिका के रक्षा प्रमुख ने कहा है कि चीन के हाइपरसोनिक हथियारों के परीक्षण से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष के साथ सियोल में वार्षिक सुरक्षा वार्ता के बाद बृहस्पतिवार को यह टिप्पणी की। चीन ने जुलाई में आवाज की गति से पांच गुना तेज उड़ने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया था।
ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका चीन की सैन्य क्षमता को लेकर चिंतित है और चीन को ‘बड़ी चुनौती’ मानता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘अपने और अपने सहयोगियों का (चीन से) संभावित कई खतरों के खिलाफ बचाव में सहयोग जारी रखेगा।’
इस मिसाइल में क्या खास?
यह मिसाइल एक गाड़ी की तरह है और यह पेलोड (परमाणु या अन्य हथियारों) को ढोने का काम करती है। गति के आधार पर मिसाइलें तीन प्रकार की होती हैं- सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक। ध्वनि की गति (330मी/सेकेंड) से कम रफ्तार से उड़ने वाली मिसाइल सबसोनिक, ध्वनि की गति से ज्यादा तेज उड़ने वाली सुपरसोनिक और ध्वनि से पांच गुनी (6,174 किमी/घंटा) या उससे अधिक रफ्तार से उड़ने वाली मिसाइल हाइपरसोनिक होती है
हाइपरसोनिक मिसाइलें दो तरह की होती हैं- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल और हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल। हाइपरसोनिक क्रूज सामान्य क्रूज मिसाइल की तरह होती है, लेकिन इसमें लगे हाइस्पीड जेट इंजन इसे मैक-5 (ध्वनि की गति से पांच गुनी) या उससे अधिक रफ्तार देती है। हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल को किसी रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाता है। इस समय दुनिया में छह देश- अमेरिका, रूस, चीन, भारत, फ्रांस और यूके- हैं, जो इस तरह के हथियार पर काम कर रहे हैं।