Tata और Bisleri के बीच बातचीत बंद, अधिग्रहण पर कोई समझौता नहीं
टाटा समूह की रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद (FMCG) बनाने वाली कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) की बोतलबंद पानी की कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल के अधिग्रहण के लिए बातचीत ‘बंद’ हो गई है. कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
संभावित अधिग्रहण को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए टीसीपीएल ने शेयर बाजार को बताया कि बिसलेरी के अधिग्रहण को लेकर उसने कोई समझौता नहीं किया है.
टीसीपीएल ने कहा, “इस संबंध में कंपनी बताना चाहती है कि उसने बिसलेरी को लेकर बातचीत बंद कर दी है और कंपनी ने इस संबंध में कोई समझौता नहीं किया है.”
हालांकि, टाटा समूह की कंपनी ने कहा कि वह अपने कारोबार के विकास और विस्तार के लिए विभिन्न रणनीतिक अवसरों का मूल्यांकन करती रहेगी. कंपनी का प्रबंधन बिसलेरी इंटरनेशनल सहित विभिन्न पक्षों के साथ चर्चा करता रहेगा. बिसलेरी के मालिक उद्योगपति रमेश चौहान ने पिछले साल कहा था कि ‘वह बिसलेरी के लिए खरीदार तलाश रहे हैं और टीसीपीएल समेत कई खरीदारों के संपर्क में हैं.’
बता दें, बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष रमेश चौहान, जो भारत के सबसे अधिक बिकने वाले बोतलबंद पानी ब्रांड बिसलेरी के मालिक हैं. उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि कंपनी बोतलबंद पानी की दिग्गज टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के साथ हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत को आगे बढ़ा रही है. लेकिन, किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे, क्योंकि बातचीत जारी थी. लेकिन, तब तक कुछ फाइनल नहीं हुआ था. चौहान ने इस बात पर जोर देते हुए बताया कि परिवार कंपनी में पूरी हिस्सेदारी बेचने के बारे में नहीं सोच रहा था. लेकिन हिस्सेदारी के एक हिस्से की बिक्री के लिए टाटा के साथ चर्चा चल रही थी.
बिसलेरी इंटरनेशनल के पास लगभग 220 करोड़ रुपये के लाभ के साथ ताजा पूर्ण वित्तीय वर्ष में 2,500 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व था. यह ब्रांड वेदिका के साथ मिलकर वसंत का पानी भी बेचता है. कंपनी स्पाईसी, लिमोनाटा, फोंजो और बिसलेरी सोडा के साथ सॉफ्ट बेवरेज सेगमेंट में भी है.
गौरतलब है कि टाटा समूह का उपभोक्ता व्यवसाय वर्तमान में हिमालयन ब्रांड नाम के तहत पैकेज्ड मिनरल वाटर बेचता है. यह अन्य ब्रांडों- टाटा कॉपर प्लस वॉटर और टाटा ग्लूको+ के साथ वाटर सेगमेंट में भी काम करता है.