स्विगी व जोमैटो को उपभोक्ता मंत्रालय की फटकार, कहा- पखवाड़े भर में सुधारें रवैया
नई दिल्ली। स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म अपनी उपभोक्ता शिकायत निवारण व्यवस्था सुधारने के लिए 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव पेश करें। केंद्र सरकार ने ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सोमवार को कंपनियों को यह निर्देश दिया।
बयान के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ई-कॉमर्स खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) को ग्राहकों को ऑर्डर राशि में शामिल सभी शुल्कों जैसे डिलिवरी शुल्क, पैकेजिंग शुल्क, कर और अन्य शुल्कों को भी पारदर्शी रूप से दिखाने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रमुख एफबीओ के साथ एक बैठक के दौरान यह निर्देश दिया गया। यह बैठक इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा करने के बुलाई गई थी। बैठक में स्विगी और जोमैटो जैसे कंपनियों समेत एफबीओ और भारतीय राष्ट्रीय रेस्ट्रोरेंट संघ (एनआरएआई) ने भी भाग लिया।
चर्चा में डिलिवरी और पैकिंग शुल्क, मंचों पर दिखाए जाने वाली खाद्य वस्तुओं और रेस्तरां पर दिखाए जाने वाले समान वस्तुओं की कीमतों व मात्रा के बीच असमानता, डिलिवरी का समय और वास्तव में लगने वाले समय के बीच अंतर जैसे मुद्दे शामिल थे। वहीं, एनआरएआई ने एफबीओ द्वारा रेस्तरां के साथ ग्राहक की जानकारी साझा नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया, जो उपभोक्ता की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने की उनकी क्षमता को प्रभावित करता है। बैठक के दौरान सभी पक्षों ने एक मजबूत शिकायत निवारण ढांचा विकसित करने की आवश्यकता को स्वीकार किया।
12 माह में कई शिकायतें
पिछले 12 माह के दौरान स्विगी के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर 3,631 शिकायतें दर्ज की गई हैं। वहीं, जोमैटो को लेकर 2,828 शिकायतें आई हैं। बैठक में इन मंचों को व्यक्तिगत उपभोक्ता समीक्षाओं को पारदर्शी रूप से दिखाने को कहा गया है।