केरल में मिला मंकीपाक्स का संदिग्ध मामला, जांच के लिए भेजे गए सैंपल; यूएई से लौटा था यात्री
दुनिया के कई देशों में फैल रहे मंकीपॉक्स (Monkeypox) संक्रमण के कारण लगातार चिंता की स्थिति बनी हुई है. भारत में भी इसे लेकर बेहद सतर्कता बरती जा रही है. इस बीच केरल (Kerala) में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स बीमारी के संदिग्ध लक्षण पाए गए हैं. इसके बाद उसके सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए पुणे भेजा गया है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को कहा कि मरीज के सैंपल लिए गए हैं और जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि जांच के नतीजे मिलने के बाद ही मंकीपॉक्स की पुष्टि की जा सकेगी. जॉर्ज ने कहा कि इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए हैं और वह विदेश में इस संक्रमण के एक मरीज के करीबी संपर्क में रहा था.
60 से अधिक देशों में फैली है बीमारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी है और इसके लक्षण चेचक के मरीजों के जैसे होते हैं. यह बीमारी अमूमन पश्चिमी और मध्य अमेरिका में पाई जाती है. लेकिन अब तक यह 60 से अधिक देशों में फैल चुका है. इन देशों में मंकीपॉक्स के 10,400 से अधिक कंफर्म केस सामने आ चुके हैं. दुनिया कई देशों में इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही है. 12 जुलाई तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के 1735 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है.
डब्ल्यूएचओ करेगा बैठक
वहीं स्पेन में भी मंकीपॉक्स के 2447 मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा मंकीपॉक्स के मामले जिन देशों में सामने आए हैं उनमें जर्मनी, फ्रांस, ग्रीस और यूरोप के कुछ अन्य देश शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रस अधानोम घेब्रेयेसस ने हाल ही में कहा था कि वह वायरस के प्रसार के स्तर को लेकर चिंतित हैं और 80 फीसदी से अधिक मामले यूरोप में आए हैं. उन्होंने कहा था कि वह इस प्रकोप पर नजर रख रही डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ समिति की अगली बैठक 18 जुलाई से शुरू हो रहे सप्ताह में बुलाएंगे.