सुप्रीम कोर्ट के जजों को रिटायर होने के बाद मिलेगा 6 महीने के लिए आवास, एक साल तक सुरक्षा; केंद्र ने नियमों में किया संशोधन
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत के चीफ जस्टिस को रिटायर होने के बाद 6 महीने तक बिना किराये के घर की सुविधा मिलेगी, वहीं सुप्रीम कोर्ट के जजों को रिटायरमेंट के बाद एक साल तक चौबीस घंटे सुरक्षा मिलेगी. विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने संशोधित ‘सुप्रीम कोर्ट जज रूल’ नोटिफाई किए हैं, जिनके तहत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों को रिटायरमेंट की तारीख से एक साल तक कार चालक की सुविधा और सचिवालय संबंधी सहायता दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में हैं 34 जज
एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की मंजूर की गई संख्या 34 है और औसतन हर साल तीन जज रिटायर होते हैं. भारत के चीफ जस्टिस एन वी रमण रिटायरमेंट के बाद सुविधाओं के नये नियम का लाभ उठाने वाले पहले जज होंगे, जो शुक्रवार को रिटायर हो रहे हैं.
संशोधित नियम के अनुसार, ‘रिटायर्ड चीफ जस्टिस या रिटायर जज (सुप्रीम कोर्ट के) हवाई अड्डों पर औपचारिक लाउंज में अभिवादन के प्रोटोकॉल के हकदार होंगे.’ अधिसूचना के अनुसार, उनकी सहायता के लिए सचिवालय सहायक होंगे, जो सुप्रीम कोर्ट में ब्रांच अफसर के स्तर के होंगे.
दिल्ली में मिलेगा टाइप 7 बंगला
अधिसूचना के अनुसार, भारत के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट की तारीख से 6 महीने की अवधि के लिए दिल्ली में (सरकारी आवास के अलावा) टाइप-7 का बिना किराये का घर मिलेगा.’ इस प्रकार के आवास सामान्य तौर पर उन मौजूदा सांसदों को आवंटित किये जाते हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. सूत्रों के मुताबिक, ऐसे कुछ मुद्दे मुख्यमंत्री-चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस के दौरान उठे थे. जजों ने विभिन्न मुद्दों को उठाया था, जिसमें कुछ मुद्दों को सुप्रीम कोर्ट जज नियमों को संशोधित कर सुलझाया गया है.
पिछले साल भी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की सुविधाओं में बदलाव किये थे. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को एक अर्दली, ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी को वेतन देने के लिए हर महीने 25 हजार रुपये दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर सरकार ने 70 हजार रुपये कर दिया था.