विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा भूचाल आ सकता है. राज्य में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हरीश रावत ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई है और राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दे दिए हैं. हरीश रावत ने ट्विटर पर कहा कि, “अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है”. इस पर जब हमने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत की तो वो भी संगठन को लेकर नाराज नजर आए और दिल्ली में बैठक की बात कही.
अब चुनाव से पहले हरीश रावत जैसे कद्दावर नेता का बैकफुट पर जाना कांग्रेस के लिए कितना घातक साबित हो सकता है, ये समझते हैं. साथ ही ये भी जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जिससे कांग्रेस के चहेते हरीश रावत इतने परेशान हो गए.
उत्तराखंड में अलगे कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. क्योंकि हर बार उत्तराखंड की जनता सत्ता बदलती है, इसीलिए कांग्रेस इस बार भी झोली फैलाकर इस इंतजार में है कि उनके हिस्से सत्ता आएगी. चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस पिक्चर में भी नजर आने लगी है और सर्वे भी कांटे की टक्कर दिखा रहे हैं.
लेकिन इसमें कोई भी दोराय नहीं है कि ये सब कुछ हरीश रावत के चेहरे के चलते है. क्योंकि पार्टी में ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जो राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान और पहुंच रखता हो. हाल ही में हुए एबीपी-सी वोटर सर्वे की बात करें तो हरीश रावत को लोगों ने सबसे चहेता मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया था. सत्ता में बैठी बीजेपी के मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनसे इस मामले में पीछे थे.
दिसंबर में हुए सर्वे में हरीश रावत को 33 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पसंद बताया था. वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनसे कहीं पीछे 27 फीसदी पर रहे. वहीं अगर नवंबर के महीने में हुए सर्वे की बात करें तो तब सीएम पुष्कर सिंह धामी 28 फीसदी लोगों की पसंद थे, लेकिन कांग्रेस नेता हरीश रावत को 31 फीसदी लोगों ने सीएम की पसंद बताया था. यानी सर्वे के मुताबिक लगातार हरीश रावत को लोग पसंद कर रहे हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस पूरे घमासान पर क्विंट हिंदी से खास बातचीत में बताया कि, मैं पार्टी के दायरे में रहकर ये बता सकता हूं कि हरीश रावत जी की कुछ चिंताएं हैं, जिन्हें हम पार्टी आलाकमान के सामने रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि, जल्द से जल्द हम हरीश रावत की तमाम चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए अगले कुछ दिन में दिल्ली में बैठक भी होने जा रही है. जब हमने पूछा कि क्या हरीश रावत राजनीति से संन्यास लेने जा रहे हैं? इस सवार पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, ऐसा बिल्कुल नहीं होगा. संगठन को लेकर कुछ गंभीर चिंताएं हैं. जिन्हें लेकर हम बात कर रहे हैं.