UP में बिजली कर्मियों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी, ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक में नहीं बनी बात
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर योगी सरकार अग्रेसिव मोड में दिखाई दे रही है. कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा रहा है. शनिवार (18 मार्च) को सुबह आनन-फानन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इमरजेंसी बैठक के बाद डिपार्टमेंट एक्शन मोड में आ गया है.
मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने यूपी के सीएम को हालात के बारे में बताया. दोनों के बीच बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर बैठक की गई और गड़बड़ी कर रहे अधिकारियों को सस्पेंड करने की चर्चा के बाद अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
बिजली कर्मचारी कर रहे हैं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सूचना दी कि पिछले 5 दिनों से बिजली कर्मचारियों के कुछ संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उनसे बार-बार बात करने और उनकी बातों को सुनने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं बनी. उन्होंने कहा कि आज यानी शनिवार (18 मार्च) को एक बार फिर अपनी बात दोहरा रहा हूं कि हम अभी भी बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बात करने के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं. आगे उन्होंने कहा कि ये लोग बात को समझ नहीं पा रहे हैं.
‘हमारे कर्मचारियों ने की गड़बड़ी’
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कई कर्मचारी संगठन हमारे साथ हैं. उनके चलते बिजली व्यवस्था चल पा रही है. हमारे बहुत से कर्मचारी बिजली विभाग में कर्तव्य पथ पर निष्ठा के साथ जुड़े हैं. पिछले 24 घंटों में सीजनल माहौल बन गया है. हमारे कर्मचारियों ने भी कुछ गड़बड़ी की, जिसकी वजह से कुछ लाइन क्षतिग्रस्त हुई है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केवल 2 प्रतिशत फीडर पर असर पड़ा है.
‘हड़ताल का नहीं पड़ा कोई असर’
उन्होंने कहा कि लाइन सुचारु चल रही है. हड़ताल का कोई असर नहीं है. पिछले दिनों लोगों ने फाल्ट कराने का प्रयास किया. ऐसी वारदातों में एक-एक जगह पर नाम है जो लिप्त हैं. वो चाहे आसमान में हो या पाताल में, हम एक्शन लेंगे. 80 से 90 हज़ार करोड़ का बैंक लोन हमारे माथे पर है. अनर्गल मांग करना उचित नहीं है. आशावादी व्यक्ति हूं पर कल बहुत निराशा हुई जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गंभीरता से नोटिस दिया है.
संघर्ष समिति को कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी भेजी गई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस देते हुए कहा है कि हड़ताल जनहित के विरुद्ध है. एके शर्मा ने कहा कि हाइकोर्ट का ऑर्डर हमें मिला है और संघर्ष समिति को ऑर्डर की कॉपी भेजी गई है. हम सबके लिए यह चिंता का विषय है. शर्मा ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय के ऑर्डर को 24 घंटे हो गए हैं. नेताओं ने आदेश की अवमानना की है. इतनी बातों के बाद भी हड़ताल खत्म नहीं की. इस संघर्ष समिति के नेताओं को जनता के कष्ट से कुछ लेना देना नहीं है.
बता दें कि 22 लोगों के ऊपर FIR दर्ज की गई है. FIR के बाद अरेस्ट और इम्प्रिजनमेंट का कार्रवाई होगी. इनमें से कुछ के खिलाफ सस्पेंशन की भी कार्यवाही की गई है. 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हज़ारो कर्मचारियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है. कर्मचारियों को 4 घंटे की मोहलत दी गई है. बिजली कर्मचारी अगर शाम तक अपने काम पर नहीं आए तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा.
क्या है हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की मांग
उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारी पांच दिन से हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों ने दावा किया कि हड़ताल का राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति पर व्यापक असर हुआ है. उन्होंने टकराव दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की. बिजली कंपनियों में चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के चयन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विद्युत कर्मी हड़ताल पर हैं.