उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(यूकेएसएसएससी) की ओर से आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने गुरुवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी के नौगांव से अंकित रमोला (32) पुत्र दीपक सिंह रमोला को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान साक्ष्यों की पुष्टि होने पर अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं, एसटीएफ ने सभी ऐसे अभ्यर्थियों को आगाह किया है जिन्होंने अनुचित साधनों से एग्जाम को क्लियर किया है। कहा कि वे खुद आकर अपने बयान दर्ज करवा दें। वरना जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है।
ये है मामला
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है। इस मामले में अब तक 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
उत्तराखंड के माफिया ने मिलकर खेला नकल का खेल
उत्तर प्रदेश के बड़े नकल माफिया गिरोह ने उत्तराखंड के नकल माफिया के साथ मिलकर यूकेएसएसएससी की परीक्षा में पेपर लीक का खेल खेला। व्यायाम शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने यह दावा किया है।
एसटीएफ के अनुसार, शिक्षक ने पूछताछ में कई अहम राज खोले हैं, जिससे मामले के तार यूपी के नकल माफिया गिरोह से जुड़ रहे हैं। गिरोह के पर्दाफाश के लिए एसटीएफ की टीमों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रवाना कर दिया गया है।
एक-दूसरे से नहीं मिले हैं सभी आरोपी
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सभी आरोपी एक-दूसरे से पहले नहीं मिले हैं। हर कोई अपना अलग गिरोह चलाता है। यही कारण है कि जो भी पकड़ा जाता है, वह नए राज खोल रहा है। सबके अपने-अपने क्षेत्रों में अभ्यर्थी हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें मनोज जोशी और अभिषेक वर्मा ही सबकी कड़ी बने हैं। इन्होंने ही हर गिरोह को किसी न किसी के माध्यम से पेपर मुहैया कराए हैं।