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विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार

मऊ: उत्तर प्रदेश के माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बड़ा बेटा अब्बास अंसारी और निकहत के साथ वह खुद जेल में है। पत्नी फरार हैं। छोटा बेटे उमर अंसारी को भी गिरफ्तार करने के लिए पुलिस तलाश रही है। इन तमाम परेशानी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी उमर अंसारी को बड़ा झटका दे दिया है। उमर अंसारी ने अपने ऊपर दर्ज कराए गए हेट स्पीच के एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केस को रद्द करने से इनकार कर दिया। मामला यूपी चुनाव 2022 के दौरान का है। चुनाव प्रचार के दौरान उमर अंसारी पर नफरती भाषण देने का मामला सामने आया था। इस आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।

भाई के साथ बनाया गया है आरोपी

उमर को बड़े भाई और मऊ विधायक अब्बास अंसारी के साथ हेट स्पीच केस में आरोपी बनाया गया है। उस पर केस चल रहा है। दरअसल, मऊ जिले में एक चुनावी रैली के दौरान भाषण का यह मामला है। इसमें अब्बास ने सरकारी अधिकारियों ने कथित तौर पर देख लेने की धमकी दी थी। उस समय यह मामला खूब गरमाया था। पुलिस ने इस वायरल वीडियो के आधार पर अब्बास, उमर और अन्य को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज कराया था।

सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने उमर पर दर्ज केस को रद्द करने से इनकार कर दिया। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम उस मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द नहीं करेंगे, जिसमें हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। आपको मुकदमे का सामना करना होगा। याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब अदालतें अगली सुनवाई और अन्य कार्यवाहियों के दौरान याचिका पर विचार करेंगी, तो उसका आदेश आड़े नहीं आएगा। उमर की ओर से हाई कोर्ट के एफआईआर रद्द करने से इनकार वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

अब्बास ने क्या कहा था?

यूपी चुनाव 2022 के दौरान मऊ से सुभासपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने एक भाषण के दौरान सरकारी अधिकारियों को धमकी दी थी। अब्बास ने रैली में कथित तौर पर कहा था कि राज्य में सरकार बनने के बाद शुरुआती छह महीने में किसी भी सरकारी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा, क्योंकि पहले हिसाब किताब होगा। उमर अंसारी के वकील ने कहा कि एक युवा को केवल इसलिए केस का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वह उस परिवार में पैदा हुआ है। उसने यह कथित टिप्पणी नहीं की थी। अब्बास और उमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ(चुनावी रैली में अनुचित प्रभाव या प्रतिरूपण के लिए सजा) और 506(आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत केस दर्ज किया गया था।

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