आईवीएफ बच्चे को जन्म देने वाला पहला केंद्रीय अस्पताल बना सफदरजंग
नई दिल्ली। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल के अथक प्रयास से पिछले 13 जनवरी को आईवीएफ शिशु का जन्म अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसमें प्रसूति विभाग एवं स्त्री रोग विभाग की काफी महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। इस तरह से सफदरजंग अस्पताल पहला केंद्रीय अस्पताल बन गया है जहां आईवीएफ बच्चे का सफलतापूर्वक जन्म हुआ है।
लोहड़ी पर्व के अवसर पर आईवीएफ नवजात शिशु को जन्म दिलाने में अस्पताल ने सफलता पाई है और यह सफदरजंग अस्पताल एवं वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के अथक प्रयास से संभव हो सका है। आईवीएफ बच्चे के लिए अस्पताल द्वारा 2015 में प्रसूति विभाग एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा गंभीर प्रयास शुरू कर दिए गए थे, जिसके तहत वर्ष 2019 में इस उपलब्धि के लिए सभी इंफ्रास्ट्रक्चर एवं लॉजिस्टिक को कंप्लीट कर लिया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस प्रयास को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था। इस बड़ी उपलब्धि का श्रेय फैकेल्टी के सीनियर डॉक्टरों को जाता है जिनमें प्रोफेसर डॉक्टर बाना श्री दास, प्रोफेसर डॉक्टर प्रतिमा मित्तल,जिन्होंने डॉक्टर बी डी अठानी तथा डॉक्टर एस बी आर्य के कुशल नेतृत्व में इस कार्य को अंतिम रूप देने में अपना अमूल्य योगदान किया। आगे इस अभियान को प्रोफेसर डॉ बिंदु बजाज हेड आईवीएफ यूनिट के प्रयास से बढ़ाया गया। इस प्रथम आईवीएफ बच्चे के जन्म में डॉक्टर गरिमा कपूर, डॉक्टर दिव्या पांडे, डॉ रीता, मिस्टर राहुल का अमूल्य योगदान रहा है, जिन्होंने डॉक्टर बी एल शिरवाल डॉक्टर गीतिका खन्ना, डॉक्टर जयंती मणि, और डॉक्टर अंजली डबराल हेड ऑफ डिपार्टमेंट के कुशल नेतृत्व में इस उपलब्धि को पाने के लिए अपनी पुरजोर कोशिश की। शैल्य चिकित्सा के द्वारा इस नवजात का जन्म हुआ जिसमें जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ एवं सुरक्षित है। सफदरजंग अस्पताल की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है जिससे उन मायूस दंपतियों को काफी खुशी मिली है जो संतान की आस लेकर बैठे हैं। इससे संबंधित ओपीडी सोमवार से शनिवार तक चलाया जा रहा है।