S20-G20 शिखर सम्मेलन: ईशा योग केंद्र ने प्रतिभागियों पर छोड़ी भारत की छाप
सद्गुरु ने जी20 प्रतिनिधियों के साथ ‘इनर इंजीनियरिंग – खुशहाली की तकनीकें’ साझा की।
विज्ञान के पुराने तरीकों की अपनी सीमा हैं लेकिन हमें जीवन को व्यापक रूप में देखने की जरूरत है: श्री संजीव संयाल, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य।
विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों की मानवता के लिए काम कर रहे हैं: श्री नागराज नायडू काकनूर , संयुक्त सचिव (जी20), भारतीय विदेश मंत्रालय।
जी-20 के साइंस-20 (एस-20) सम्मेलन के लिए दुनिया भर से ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में 100 से ज्यादा वैज्ञानिक, शिक्षाविद, विशेषज्ञ और नीति निर्माताओं एकत्र हुए। सद्गुरु ने एक सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘वैज्ञानिक प्रगति और तकनीकी उन्नति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में खुद को आनंदमय, समावेशी इंसान बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी धरती की दशा और दिशा बदलने के लिए यह बेहद जरूरी है।’
Engineering ourselves into joyful, inclusive human beings is a vital step in our commitment to scientific progress and technological advancement. This is what it takes to change the trajectory of our planet. -Sg #InnerEngineering #G20India @G20_Bharat@S20_India https://t.co/sYoUFx1iCm pic.twitter.com/1xe1AM5gJM
— Sadhguru (@SadhguruJV) July 22, 2023
21 जुलाई से 22 जुलाई 2023 तक आयोजित हुए जी-20 के एस-20 सम्मेलन में विश्वभर के प्रतिष्ठित संस्थानों से लगभग 35 विदेशी प्रतिनिधि और 65 भारतीय प्रतिनिधि इकट्ठा हुए। इस दौरान एक हरे-भरे भविष्य के लिए क्लीन एनर्जी, यूनिवर्सल होलिस्टिक हेल्थ के साथ विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने के विषयों पर चर्चा हुई। इन विदेशी प्रतिनिधियों में द रॉयल सोसाइटी, यूनाइटेड किंगडम के सदस्य; राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, यूएसए; अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद, फ़्रांस; CERN, स्विट्जरलैंड; भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी सहित अन्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल थे।
इस सम्मेलन के एक आध्यात्मिक केंद्र पर आयोजन के बारे में बोलते हुए भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य श्री संजीव संयाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आजकल इस बात को लेकर एक समझ है कि विज्ञान के तौर-तरीकों की अपनी सीमाएं हैं, और निश्चित रूप से विज्ञान के प्रति संकीर्ण सोच ना रखकर जीवन को व्यापक रूप में देखने की जरूरत है। ऐसे में ईशा आश्रम साइंस-20 सम्मेलन आयोजित करने के लिए एक दिलचस्प जगह है, जहां एक संपूर्ण दृष्टिकोण देखा जा सकता है।’
Shri Sanjeev Sanyal, Member, Economic Advisory Council to the Prime Minister, GOI delivered the summary being the Chair of Policy Drafting Committee in the #Science20 Summit Meeting at Isha Foundation, Coimbatore. @g20org @sanje pic.twitter.com/RNVtA4d309
— S20 India 2023 (@S20_India) July 21, 2023
जी-20 प्रतिनिधियों का स्वागत ढोलों की पारंपरिक धुन और फूलों के साथ हुआ। ईशा योग केंद्र पहुंचने के बाद उन्हें सबसे पहले आदियोगी की 112 फीट ऊंची प्रतिमा के पास भारत की प्राचीन योगिक स्वास्थ्य तकनीकों से अवगत कराया गया, जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का गहरा अनुभव मिला। ईशा संस्कृति के छात्रों ने शानदार भारतीय मार्शल आर्ट- कलरिपयट्टु और क्लासिकल भारतीय नृत्य – भरतनाट्यम का मनमोहक प्रदर्शन किया। इसके बाद परंपरागत बैलगाड़ियों की सवारी और ईशा योग केंद्र में प्राण प्रतिष्ठित पवित्र स्थानों की यात्रा ने एस-20 प्रतिनिधियों के अनुभव को और भी यादगार बना दिया।
Over 100 delegates from the G20 members and invited countries have gathered at Isha Yoga Center to finalise the outcome document of Science Summit which comprises of the three key topics discussed in previous meetings — Clean Energy for a Greener Future, Universal Holistic… pic.twitter.com/CaSlpYXfjm
— Isha Foundation (@ishafoundation) July 21, 2023
सऊदी अरब के किंग अब्दुल अजीज सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के राष्ट्रपति डॉ. मुनीर देसौकी ने कहा, ‘भारत की जी-20 मेजबानी थीम वन फैमिली है। ऐसे में इस जगह पर इकट्ठा होकर चुनौतियों का सामना करने के बारे में सोचना आंखें खोल देने वाला अनुभव रहा है।’
ईशा योग केंद्र में रहने के अद्भुत अनुभव का विवरण करते हुए S20 के सह-चेयरमैन प्रोफेसर अशुतोष शर्मा ने एक विदेशी प्रतिनिधि के साथ बातचीत साझा करते हुए कहा, ‘अगर आप न्यूयॉर्क के एक फाइव स्टार होटल में या दिल्ली / मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में कॉन्फ्रेंस करेंगे – तो दोनों जगहों में कोई अंतर नहीं दिखेगा। लेकिन इस जगह ने मन पर भारत के बारे में नई स्मृतियों का प्रभाव छोड़ा है।’
इसी तरह का अनुभव साझा करते हुए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से संयुक्त सचिव (जी-20) श्री नागराज नायडू काकनूर ने कहा, ‘विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का उद्देश्य हम सभी से जुड़े सवालों को सुलझाने का होता है। मुझे लगता है कि विज्ञान दुनिया को समझने का प्रयास कर रहा है, आध्यात्मिकता भी काफी हद तक सत्य को समझने का प्रयास करती है। तो इस मायने में दोनों एक ही दिशा में जाने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि उपयोग और अनुप्रयोग थोड़े अलग हो सकते हैं। लेकिन आखिरकार, मुझे लगता है कि दोनों मानवता के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।’
दो दिन के इस सम्मेलन के दौरान योग विज्ञान के एक सत्र को भी शामिल किया गया। इस सत्र की अगुआई डॉ. बाला सुब्रमण्यम, एनेस्थिसियोलॉजी के प्रोफेसर, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और निदेशक, सद्गुरु सेंटर फॉर ए कॉन्शियस प्लैनेट, बेथ इज़राइल डीकोनेस मेडिकल सेंटर, बोस्टन, एमए ने की। इस सत्र में वैज्ञानिक शोध के आधार पर सद्गुरु की ओर से प्रदान किए गए ईशा क्रिया, शून्य और सम्यमा ध्यान से होने वाले स्वास्थ्य लाभों की पुष्टि की गई, जो तनाव और चिंता कम करके सामान्य सेहत सुधारने में मदद करते हैं।
Dr. Bala Subramaniam, Director, Sadhguru Center for a Conscious Planet, Harvard Medical School, delivered his presentation on behalf of Isha Foundation on the second day of #Science20 Summit Meeting at Coimbatore. @g20 @isha pic.twitter.com/XaOnvbg5Y3
— S20 India 2023 (@S20_India) July 22, 2023
एक विश्व-प्रसिद्ध योगी और दृष्टा के रूप में सद्गुरु ने स्थापित किया है कि ईशा योगा सेंटर, कोयंबटूर आत्मरूपांतरण का एक पवित्र स्थान है, जो पूरी दुनिया से लोगों को आकर्षित करता है, ताकि वे अपने आंतरिक विकास के लिए यहां समय बिता सकें। ईशा योग केंद्र में योग के चारों प्रमुख मार्गों – क्रिया योग, ज्ञान योग, कर्म योग और भक्ति योग को अनुभव किया जा सकता है। यह केंद्र आंतरिक परिवर्तन को पोषित करके स्थायी स्वास्थ्य की दिशा दिखाता है।