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यूको बैंक के 41 हजार खातों में आ गए 820 करोड़ रुपये, सीबीआइ कर रही मामले की जांच

नई दिल्ली: बैंक के हजारों ग्राहकों के खातों में अचानक 820 करोड़ रुपए पहुंच गए. इससे हड़कंप मच गया. क्या ये कोई घोटाला था? या महज़ गलती थी, इसकी जांच में सीबीआई जुट गई है. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें 10 से 13 नवंबर के बीच यूको बैंक (UCO Bank) के 41, 000 खाताधारकों के खातों में अचानक 820 करोड़ रुपये की राशि जमा हो गई. इस मामले में एक तरफ जहां खातों में यह राशि जमा हो गई, वहीं दूसरी ओर उन खातों से कोई ‘डेबिट’ दर्ज नहीं हुआ जहां से यह राशि मूल रूप से अंतरित हुई थी. जबकि कई लोगों ने रुपए निकाल भी लिए. और इसका भरपूर फायदा उठाया. अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में मंगलवार तक चली छापेमारी में कोलकाता तथा मंगलूर सहित कई शहरों में 13 परिसरों पर छापेमारी की गई.

14,000 खाताधारकों के खातों में आये रुपए: अधिकारियों ने कहा कि तीन दिन के भीतर तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के जरिए 8.53 लाख से अधिक लेनदेन हुए, जिसमें निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से 820 करोड़ रुपये यूको बैंक के खाताधारकों के 41,000 खातों में पहुंचे. उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से मूल बैंक खातों से कोई भी राशि ‘डेबिट’ दर्ज नहीं हुई और कई खाताधारकों ने अपने खातों में अचानक आई राशि को निकाल लिया. और मालामाल हो गए.

FIR दर्ज: अधिकारियों के अनुसार, यूको बैंक की शिकायत पर बैंक में काम करने वाले दो सहायक इंजीनियरों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि शिकायत में लगभग 820 करोड़ रुपये के ‘‘संदिग्ध’’ आईएमपीएस लेनदेन का आरोप लगाया गया है. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “तलाशी के दौरान, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर सिस्टम, ईमेल संग्रह और डेबिट या क्रेडिट कार्ड सहित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए हैं.” उन्होंने कहा, “यह आरोप लगाया गया है कि 10 नवंबर और 13 नवंबर के बीच, सात निजी बैंकों के 14,000 खाताधारकों से आईएमपीएस के जरिए होने वाले लेनदेन से संबंधित राशि आईएमपीएस चैनल के माध्यम से यूको बैंक के 41,000 खाताधारकों के खाते में पहुंच गई.”

कई खाताधारकों ने उठाया फायदा: प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोप लगाया गया है कि इस जटिल नेटवर्क में 8,53,049 लेनदेन शामिल हैं और यह लेनदेन गलती से यूको बैंक के खाताधारकों के रिकॉर्ड में दर्ज हो गया, जबकि मूल बैंकों ने लेनदेन को विफल के रूप में दर्ज किया था.’’ उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया है कि कई खाताधारकों ने इस स्थिति का फायदा उठाया और अनुचित लाभ उठाते हुए विभिन्न बैंकिंग माध्यमों से यूको बैंक से अवैध रूप से धन निकाल लिया.

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