आंखों की रोशनी छीन सकती हैं रेटिनल बीमारियां
नई दिल्ली। World Retina Day 2022: महामारी ने लोगों को एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के प्रति जागरूक किया है। लेकिन फिर भी सेहत से जुड़ी ऐसी कई चीज़ें हैं जिस ओर इतना ध्यान नहीं देते, जिसमें से एक है रेटिनल बीमारी। रेटिनल बीमारी किसी को उम्र में हो सकती है। जागरूकता की कमी के चलते लोगों में इन बीमारियों की पहचान तब होती है, जब उसके लक्षण गंभीर हो जाते हैं।
एज-रिलेटेड मैकुअलर डिजनरेशन (एएमडी) और डायबिटिक रेटिनोपैथी (डीआर) जैसे रोग देखने की शक्ति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं या आंखों की रोशनी कम होने (विजन लॉस) का कारण बन सकते हैं। अगर इनका सही समय पर इलाज न किया जाए तो।
एएमडी सेंट्रल विजन को प्रभावित करता है और बूढ़े लोगों में ज्यादातर देखने को मिलता है। डीआर रेटिना की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर डायबिटीज मरीजों में स्थायी अंधापन या आंखों की रोशनी कम होने का कारण बनता है।
ऑफ्थैल्मोलॉजी के प्रोफेसर, वरिष्ठ सलाहकार, चेयरमैन और चिकित्सा निदेशक डॉ महिपाल सचदेव कहते हैं, “जब रेटिना के स्वास्थ्य की बात आती है, तो शुरुआत से ही बचाव उपायों को शामिल करना महत्वपूर्ण है। 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को नियमित रूप से डाइलेटेड जांच करानी चाहिए। कोई भी एम्सलर ग्रिड को देख सकता है। यह सीधी रेखाओं का एक पैटर्न जो आपकी दृष्टि की जांच करने के लिए एक चेक की तरह है। यदि रेखाएं आपको लहरदार लगती हैं या उनमें से कुछ गायब हैं, तो यह मांसपेशियों के नुकसान का संकेत हो सकता है। एआरएमडी से जुड़े जोखिम कारक बढ़ती उम्र, आनुवंशिक कारक और धूम्रपान हैं। मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी के मामले में, ब्लड ग्लूकोज और ब्लड प्रेशर के स्तर को सख्ती से नियंत्रित करना चाहिए जो बीमारी को बढ़ने से रोकते हैं।’’
रेटिनल स्वास्थ्य के लिए बचाव के उपाय
विजन लॉस उम्र बढ़ती उम्र के साथ होने वाली आम समस्या नहीं है और इसे अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है। हेल्दी डाइट, लाइफस्टाइल और समय-समय पर जांच कराते रहने से रेटिनल बीमारियों से बचे रहा जा सकता है।
● आंखों से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरुकता
उन बीमारियों से अवगत रहें जो आपको प्रभावित कर सकती हैं और उन्हें कैसे रोका जा सकता है। अगर आप किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं, तो यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या यह आपके रेटिना को प्रभावित कर सकता है और कैसे नुकसान को रोकने के लिए इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है।
● समय-समय पर आंखों की जांच
नियमित रूप से आंखों की जांच करवाते रहें। यह बीमारियों को रोकने या उसके शुरुआती स्टेज का पता लगाने में मदद कर सकता है जिससे आप बेहतर ढंग से इसे मैनेज कर सकें और विजन लॉस को रोक सकें।
● इलाज का पालन करना
केवल एक विशेषज्ञ ही यह निर्धारित कर सकता है कि आपको आंखों को हाइड्रेट रखने के लिए बूंदों की जरूरत है या उन्नत एएमडी के लिए लेजर थेरेपी की। इसलिए, बेहतर नतीजों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें और आप सुझाए गए इलाज का पालन करें।
● संतुलित आहार लेना
पालक, केला और अंडे जैसे खाद्य पदार्थ, आपके आंखों के पुराने रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं। विटामिन सी, जो बहुत सारे फलों और सब्जियों में होता है, उम्र से संबंधित विजन लॉस की प्रगति को धीमा कर सकता है। अलसी, चिया सीड्स, अखरोट और मछली जैसे स्रोतों से प्राप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके रेटिना के समुचित कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो आपके मस्तिष्क को विजुअल संदेश भेजता है।
आंखों की रोशनी कम होने से रोकने या अंधेपन को रोकने का आपका सबसे अच्छा मौका जागरूक होना और अपनी आंखों की देखने की क्षमता की रक्षा करना है। यदि आपके पास पुरानी बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है या आप बीमारियों से ग्रस्त हैं, तो नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं।