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वीडियो वायरल होने पर तीन महीने बाद लिखी रिपोर्ट और 72 घंटे में पकड़ लिये नाबालिग लुटेरे

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस का अनोखा खेल देखने को मिला. पुलिस ने लूट के मामले में पहले तो एफआईआर ही दर्ज नहीं की. तीन महीने बाद दबाव पड़ने पर मामला दर्ज किया तो 24 घंटे के अंदर की घटना का खुलासा कर दिया. इतना ही नहीं घटना को अंजाम देने वाले एक लुटेरों के गैंग को गिरफ्तार करने के साथ एक अन्य गैंग को भी पकड़ लिया. पुलिस ने छह लुटेरों को गिरफ्तार किया जिनके पास से लूट के 14 मोबाइल बरामद हुए हैं डीसीपी का कहना है कि मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला? 
मामला पनकी थाना क्षेत्र का है जहां 29 दिसंबर को कोचिंग से वापस लौट रही युवती से बाइक सवार बदमाशों ने पर्स और मोबाइल लूट लिया था. लूट के दौरान युवती बाइक से काफी दूर तक घिसटती हुई गई थी जिससे उसको चोट भी आई थी. इसके बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. दो दिन पहले मामले ने तूल तब पकड़ा जब घटना का सीसीटीवी वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद आलाधिकरियों ने मामले का संज्ञान लिया और तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए.

पनकी पुलिस ने मामला दर्ज कर लुटेरों की तलाश में जुट गई. 29 मार्च की रात पुलिस ने अर्मापुर नहर पट्टी में दबिश देकर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से दो मोटर साइकिल और चौदह मोबाइल बरामद हुए. पकड़े गए लुटेरों में तीन नाबालिग हैं.

पुलिसकर्मियों पर भी होगी कार्रवाई 
पुलिस का दावा है कि यह दो गैंग हैं जो मोबाइल और पर्स लूट की कई वारदातों में शामिल हैं. वहीं लूट के मामले में पहले एफआईआर नहीं दर्ज करने और पीड़ित को थाने से वापस करने के मामले की जांच एसीपी कल्याणपुर को सौंपी गई है. डीसीपी वेस्ट बीबीजीटीएस मूर्ती ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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