राष्ट्रीय

‘कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार’, डीएमके के 500 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग पर अन्नामलाई का पलटवार

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रमुख के.अन्नामलाई को कानूनी नोटिस भेजा था और हर्जाने के तौर पर 500 करोड़ रुपए की मांग की थी. इसके जवाब में अन्नामलाई ने सोमवार (17 अप्रैल) को द्रमुक से उनके खिलाफ ‘आधारहीन’ आरोप लगाने के लिए हर्जाने के रूप में उतनी ही राशि की मांग की है.

नोटिस में आरोपों को लेकर माफी मांगने की भी मांग की गई है. अन्नामलाई ने ट्विटर पर एक बयान साझा किया है जिसके साथ उन्होंने लिखा है कि ‘मैं कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हूं.’ वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दावा कि द्रमुक शासन के दौरान मेट्रो रेल परियोजना में भ्रष्टाचार के सबूत मौजूद हैं और हम उसे सीबीआई को सौंपेंगे.’ कानूनी नोटिस जारी करने वाले द्रमुक के संगठन सचिव आर.एस. भारती पर निशाना साधते हुए अन्नामलाई ने कहा, ‘सीबीआई आपकी पार्टी के अध्यक्ष और इसमें शामिल अन्य लोगों को तलब करने तक सब्र रखें.’

​​​​​​​अन्नामलाई ने की 500 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग

भारती ने नोटिस में मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ अन्नामलाई के ‘डीएमके फाइल्स’ नामक दस्तावेजों में लगाए गए आरोपों को झूठा, निराधार, मानहानिकारक, काल्पनिक और निंदनीय करार दिया है. स्टालिन के खिलाफ अन्नामलाई के 200 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप का उल्लेख करते हुए नोटिस में कहा गया, ‘द्रमुक अध्यक्ष को अपने 56 साल के सार्वजनिक जीवन के दौरान भ्रष्टाचार के रूप में एक पैसा भी नहीं मिला है.’ नोटिस में बीजेपी नेता से उसके मुवक्किल (भारती) को 500 करोड़ रुपये का हर्जाना देने की मांग की है, जिसे वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री राहत कोष को देना चाहते हैं.

अन्नामलाई ने आरोपों को बताया निराधार

अन्नामलाई ने निवेशकों को धोखा देने के मामले में आरोपी एक कंपनी से अवैध रूप से रिश्वत लेने के भारती के आरोपों का जिक्र करते हुए इसे आधारहीन और झूठा बताया. अन्नामलाई ने कहा, ‘मैं सार्वजनिक रूप से मेरे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए हर्जाने के रूप में 500 करोड़ रुपये की मांग करता हूं. मैं पीएम केयर फंड में राशि का भुगतान करना चाहता हूं.’ उन्होंने कहा कि वह जल्द ही द्रमुक के कानूनी नोटिस का जवाब देंगे, इसके अलावा उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए हर्जाना भी मांगेंगे.

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